महिलाओं को होने वाले 5 बड़े कैंसर, लक्षणों की पहचान ही पहला बचाव

punjabkesari.in Friday, Feb 11, 2022 - 10:16 AM (IST)

कैंसर ऐसी बीमारी हैं, जो व्यक्ति को मौत के दरवाजे तक ले जाती है। वैसे तो कैंसर महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है लेकिन शोध की मानें तो हर साल करीब 7 लाख नए कैंसर के मामले आते हैं, जिनमें 50% संख्या महिलाओं की होती है। लापरवाही व लक्षणों की अनदेखी के कारण महिलाओं की जान पर बन आती है। हालांकि अगर समय रहते लक्षण को पहचान लिया जाए तो मौत के खतरे को टाला जा सकता है।

महिलाओं में कैंसर के लक्षण

. 6-8% कैंसर के मामले आनुवंशिक होते हैं
. गलत लाइफस्टाइल
. मोटापा
. धूम्रपान व शराब का अधिक सेवन
. मासिक धर्म जल्दी शुरू होना
. वायु और जल प्रदूषण
. मेनोपॉज देरी से होना

महिलाएं ऐसे पहचान कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर

स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, जो हर साल लगभग 2.1 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके शुरुआती लक्षणों में स्तन में गांठ, अचानक ब्रेस्ट साइज में बदलाव, असामान्य निप्पल डिस्चार्ज जैसे संकेत मिल सकते हैं।

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यूट्रस कैंसर

हैवी पीरियड्स, जो 1 सप्ताह से अधिक समय तक रहते है इसे नजरअंदाज ना करें। वहीं, संभोग के बाद ब्लीडिंग या पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग/स्पॉटिंग यूट्रस या सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है।

कोलोरेक्टल कैंसर

महिलाओं में होने वाला यह तीसरा सबसे खतरनाक कैंसर है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसके कारण डायरिया या कब्ज, मल में बदलाव (जो 4 हफ्ते से ज्यादा रहे) जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर

रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर के कारण हर साल करीब 63,000 महिलाओं अपनी जान गवां बैठती हैं। 40 वर्ष की आयु के बाद 1 वर्ष तक मासिक धर्म बंद ना या हैवी पीरियड्स गर्भाशय ग्रीवा यानि Cervical Cancer के कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में महिलाओं को किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

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डिम्बग्रंथि कैंसर

अंडाशय कैंसर, डिम्बग्रंथि का कैंसर हैं जो अंडाशय में होता हैं। पेट फूला हुआ महसूस होना, सूजन, अनियमित मल त्याग, अचानक वजन घटना जैसे लक्षण डिम्बग्रंथि कैंसर का संकेत हो सकते हैं, जिन्हें महिलाएं अक्सर मामूली समझकर इग्नोर कर देती हैं।।

कैसे रखें बचाव?

-एक स्वस्थ जीवन शैली, नियमित व्यायाम, धूम्रपान की समाप्ति और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के जरिए महिलाएं कैंसर के खतरे से बच सकती हैं।
-इसके अलावा नियमित पैप स्मीयर, एंडोमेट्रियम, अल्ट्रासोनोग्राफी करवाती रहे, ताकि कैंसर को समय रहते पहचाना जा सके।


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Content Writer

Anjali Rajput

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