देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर बनी वीरलक्ष्मी, कहा- पैसों से ज्यादा लोगों की सेवा जरूरी
punjabkesari.in Saturday, Sep 05, 2020 - 02:19 PM (IST)
आज हमारे समाज के लोग बहुत आगे बढ़ चुके हैं लेकिन जब बात महिला के काम करने की आती है तो वह यहीं सोचते हैं कि महिलाओं को घर के काम करने चाहिए और अपने परिवार वालों को संभालना चाहिए लेकिन बावजूद इसके महिलाएं हर क्षेत्र में हमारे समाज का नाम रोशन कर रही हैं और अपनी काम की सफलता से बता रही हैं कि वह भी पुरूषों से कम नहीं है।
एक ऐसी ही मिसाल पेश की है तमिलनाडु की उस महिला ने जो देश में पहली एंबुलेंस ड्राइवर बनी है। इस महिला का नाम एम वीरलक्ष्मी है जिन्होंने इस सफलता से समाज में एक नई उदाहरण कायम की है।
लोगों की मदद के लिए चुना काम
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने हाल ही में राज्य में इमरजेंसी सेवा प्रदान करवाने के लिए 118 एंबुलेंसों को शुरू करने की मंजूरी दी और इसी सेवा में एम वीरलक्ष्मी की नियुक्ति हुई है। अपने इस काम पर वीरलक्ष्मी कहती हैं कि पैसे कमाने के लिए काम तो बहुत किए जा सकते हैं लेकिन उन्होंने इस काम को चुना ताकि वह लोगों की मदद कर सकें।
பொதுமக்களின் உயிர்காக்கும் உன்னத சேவைகளுக்காக 118 அவசரகால ஊர்திகள்! pic.twitter.com/cqXVsOXsVc
— Edappadi K Palaniswami (@CMOTamilNadu) August 31, 2020
देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर हैं
आपको बता दें कि वीरलक्ष्मी देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर हैं। वह 30 साल की हैं और 2 बच्चों की मां होने के बावजूद भी वह इस काम को करती हैं और परिवार की जिम्मेदारी के साथ साथ वह अपने काम को भी बेखूबी संभालती है। अपने काम के बारे में वीरलक्षमी कहती हैं ,' इससे पहले वे कैब ड्राइवर थीं और जब मुझे उसे इस नौकरी के बारे में पता चला तो उन्होंने इस नौकरी को भरा और वह सेलेक्ट हो गईं लेकिन वीरलक्ष्मी को बाद में पता चला कि वह देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर हूं।'
पति ने हमेशा दिया साथ
वीरलक्ष्मी को इस काम में लगभग 3 साल का अनुभव है और वह इससे पहले भी कैब ड्राइवर रह चुकी हैं और बात उनके पति और फेमिली की करें तो उनके परिवार वाले उन्हें पूरा सपोर्ट करते हैं और उनके पति ने आज तक उन्हें इस काम को करने से नहीं रोका है हालांकि वह इस कोरोना काल में भी काम कर रही हैं।
कोरोना का नहीं डर
वीरलक्ष्मी कोरोना काल में भी काम कर रही है और उन्हें कोरोना का कोई डर नहीं है। वीरलक्ष्मी कहती हैं कि ,' उन्हें कोई फिक्र नहीं हैं कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हो जाएगा क्योंकि एक तो उनके साथ हमेशा के लिए सेफ्टी गियर रहता हैं तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें इस बात की खुशी है कि वह लोगों की मदद कर रही हैं।'
मां ने दी एक सीख
वीरलक्ष्मी की मानें तो उनकी मां उन्हें हमेशा यह कहती हैं कि ,' जो भी काम करो, वो पूरी लगन के साथ करो। अगर काम करने की लगन हो तो कोई भी काम करना असंभव नहीं है।'