पूजा घर में भूलकर भी नहीं लगाएं यह तस्वीर, फायदे की जगह होगा नुकसान
punjabkesari.in Tuesday, Sep 13, 2022 - 03:05 PM (IST)
घर में रखी हुई चीजें भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। यह आपके लिए कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि इन तस्वीरों को सही दिशा में न रखा जाए तो आपको जीवन में परेशानियों का सामाना करना पड़ सकता है। पूजा घर जिसे घर का महत्वपूर्ण कोणा माना जाता है। वास्तु के अनुसार, यहां पर कुछ तस्वीरों को रखना अशुभ बताया गया है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
पितरों की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आप पूर्वजों की तस्वीर को सही दिशा में नहीं रखते तो घर में कलह-कलेश और समस्याएं रह सकती हैं। पूर्वजों की तस्वीर को भूलकर भी पूजा घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे देवता नाराज हो सकते हैं। गलत जगह में पितरों की तस्वीर लगाने से अशांति फैल सकती है। घर के सदस्यों का आपसी प्रेम भी खत्म हो जाता है।
लिविंग रुम में न लगाएं पितरों की तस्वीर
पितरों की तस्वीर कभी भी घर में ब्रह्मा स्थान(घर के बीच का स्थान) पर नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा पूर्वजों की तस्वीर कभी भी घर के लिविंग रुम, बेडरुम या फिर किचन में न लगाएं। इससे पितृ नाराज हो सकते हैं और घर की सुख-समृद्धि भी छिन सकती है।
पूजा घर में न रखें ये तस्वीर
पूर्वजों को देवताओं के सम्मान माना जाता है। परंतु पूजा रुम में उनकी तस्वीर रखा अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि यहां पर पूर्वजों की तस्वीर रखने से वह नाराज हो जाते हैं और घर में देवता दोष लगता है। शास्त्रों में पितरों को पूर्वजों को देवताओ के जितना दर्जा दिया जाता है। पितर और देवताओं का स्थान भी अलग-अलग होता है। एक ही जगह पर दोनों तस्वीरें रखने से किसी का भी आशीर्वाद नहीं मिलता।
जीवित लोगों के साथ न लगाएं पितरों की तस्वीर
पितरों की तस्वीर कभी भी घर में जीवित लोगों के साथ लगाना भी अशुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति की उम्र कम होती है और जीवन में कई तरह की समस्याएं भी झेलने पड़ सकती है। मान्यताओं के अनुसार, जिस व्यक्ति के साथ पितरों की तस्वीरें लगाई जाती है उसके अंदर जीने की इच्छा शक्ति कम हो जाती है और व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होने लगता है।
दक्षिण दिशा में हो पितरों की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर घर की उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। उत्तर दिशा में तस्वीर लगाने से पितरों का मुख दक्षिण दिशा में रहता है और पितरों की दिशा भी दक्षिण मानी जाती है। इसके अलावा आप ईशान कोण में भी पितरों की तस्वीर लगा सकते हैं।