करवाचौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए इन Vastu नियमों का रखें ध्यान, मिलेगा पूजा का फल

punjabkesari.in Monday, Oct 30, 2023 - 03:25 PM (IST)

हिंदू धर्म में करवाचौथ का त्योहार बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की उन्नति और लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। सारा दिन निर्जला उपवास रखकर शाम को चंद्रमा के दर्शन करके व्रत खोलती हैं। करवाचौथ की शुभता बढ़ाने के लिए और चंद्र देवता का आशीर्वाद पाने के लिए वास्तु शास्त्र में करवाचौथ के कुछ नियम बताए गए हैं। इन वास्तु नियमों का पालन करने से व्यक्ति को अखंड सौभाग्य मिलता है और खुशहाली बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में....

ऐसी छलनी का करें इस्तेमाल 

करवाचौथ में छलनी से यदि आप चांद के दर्शन करती हैं तो ऐसी छलनी चुनें जो बिल्कुल भी टूटी फूटी न हो। यदि संभव हो तो आप चांदी की छलनी का इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन भूलकर भी प्लास्टिक की छलनी इस्तेमाल न करें क्योंकि यह अशुभ मानी जाती है। 

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साफ रखें पूजा का स्थान 

चंद्रमा की पूजा करने से पहले उस स्थान को अच्छी तरह साफ कर लें। नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए आप पूजा स्थान को नमक के पानी के साथ साफ करें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि यहां पूजा करनी है वहां पर किसी भी तरह का कूड़ा-कचरा न हो। 

अर्घ्य देते समय रखें ध्यान 

चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए आपका मुंह उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसके अलावा अर्घ्य देते हुए इस बात का ध्यान रखें कि जल में कुछ दूध की बूंदें जरुर डालें। इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। 

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मंत्र जाप 

चंद्रमा की पूजा करते हुए आप पूर्व दिशा की ओर देखते हुए चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें। मान्यताओं के अनुसार, मंत्रों की ध्वनि से पॉजिटिव एनर्जी निकलती है जिससे वातावरण भी शांत बनता है। 

जल का लोटा रखें 

करवाचौथ के दौरान चांद की पूजा में आप इस बात का ध्यान रखें कि एक जल से भरा हुआ बर्तन जरुर रखें। इस बर्तन में रखे जल से चांद को अर्घ्य दें। पानी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है ऐसे में यह पॉजिटिव एनर्जी को घर में आकर्षित करता है। इसलिए पूजा के समय पानी का जरुर इस्तेमाल करें।

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palak

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