लक्षणों की अनदेखी योनि कैंसर की सबसे बड़ी वजह

punjabkesari.in Tuesday, Oct 13, 2020 - 03:14 PM (IST)

वैजाइनल कैंसर या योनि का कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो महिलाओं को मौत के दरवाजे तक ले जा सकती है। बहुत कम औरतों में पाया जाने वाला ये जनन संबंधी कैंसर हैं, जो योनी की कोशिकाओं में होता है। महिलाएं शुरूआती समय में इसे पहचान नहीं पाती, जिसकी वजह से यह खतरनाक रूप ले लेता है।

क्या है वैजाइना कैंसर?

योनि बाहरी जननांगों को गर्भाशय (Uterus) से जोड़ने वाली एक मांसपेशियों की ट्यूब होती है। कैंसर वैजाइना की आंतरिक सतह वाली कोशिकाओं में होता है, जो धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले लेता है और दूसरे अंगों तक भी फैलने लगता है।

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योनि के कैंसर के प्रकार

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma)

स्क्वैमस योनि की आंतरिक लाइनिंग में मौजूद पतली व चपटी कोशिकाएं होती है, जिसमें कैंसर पनपता है। यह वैजाइना से शुरू होकर फेफड़ों, लिवर या हड्डियों में फैल सकता है।

एडेनोकार्किनोमा (Adenocarcinoma)

ग्लैंड्युलर (Glandular) कोशिकाएं योनि की आंतरिक लाइनिंग में मौजूद श्लेम से बनती हैं, जिसमें एडेनोकार्किनोमा कैंसर होता है। यह वैजाइना के अलावा फेफड़ों और लिम्फ नोड्स में फैल सकता है।

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योनि के कैंसर के चरण

1. पहले चरण में ट्यूमर योनि के बाहरी भागों में नहीं फैलाता।
2. दूसरे चरण में यह योनि से बाहर पेल्विस एरिया में फैलना शुरू हो जाता है।
3. तीसरे चरण में कैंसर पेल्विस के लिम्फ नोड्स तक फैल जाता है।
4. इसके अलावा चौथे चरण में कैंसर ब्लैडर, मलाशय और पेल्विस के बाकी एरिया में फैलना शुरू हो जाता है। इसके बाद वह शरीर के बाकी हिस्सों में फैलना शुरू हो जाता है।

योनि के कैंसर के लक्षण

. वैजाइना से पानी जैसा डिस्चार्ज होना
. वैजाइना में एक गांठ होना
. यूरिन पास करते समय तेज दर्द
. बार-बार पेशाब आना
. कब्ज की समस्या
. श्रोणि (pelvis) में दर्द होना।
. पेड़ू यानी पेल्विक में दर्द

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योनि के कैंसर के जोखिम कारक

-60 से अधिक उम्र में इसका खतरा बढ़ जाता है।
-सर्वाइकल कैंसर और एचपीवी के कारण होने वाली वैजाइनल इन्ट्रापिथेलिअल नीओप्लेसिआ में इसका खतरा रहता है।
-एक से अधिक लोगों के साथ संबंधझ बनाना
-शराब, सिगरेट अधिक लेना
-एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त होना।
-जब भी कोई डायथाइलस्टिलबेस्ट्रोल (DES) के टच में आता है।
-कम उम्र में संबंध बनाना

योनि के कैंसर से बचाव

1. करीब करीब 80% एचपीवी (HPV) संक्रमण से ग्रस्त होते हैं, जो इस कैंसर का जोखिम बढ़ाता है। ऐसे में सबसे पहले तो एचपीवी (HPV) इंजेक्शन लगवाएं।
2. कम उम्र और एक से अधिक लोगों के साथ संबंध बनाने से बचें। इसके अलावा संबंध बनाते समय सेफ्टी का ध्यान जरूर रखें।

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योनि के कैंसर का परीक्षण

वैजाइना कैंसर का टेस्ट 

पैल्विक परीक्षण (Pelvic Test), पैप स्मीयर (Pap Smear), कॉल्पोस्कोपी (Colposcopy) (गर्भाशय ग्रीवा का परीक्षण), बायोप्सी (Biopsy) द्वारा किया जाता है। इसमें डॉक्टर्स आपकी हिस्ट्री के बारे में पूछते हैं, जिसके आधार पर परीक्षण किया जाता है। कैंसर की पुष्टि होने के बाद कुछ और टेस्ट किए जाते हैं।

योनि के कैंसर का इलाज

अगर शुरूआती चरण में इसके संकेत पहचान लिया जाए तो इलाज संभव होता है। मगर, योनि के बाहर कैंसर फैलने पर इसका ट्रीटमेंट मुश्किल हो जाता है।

. स्थिति के हिसाब से छोटे ट्यूमर या घावों को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
. पूरे कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी द्वारा योनि का एक भाग निकाल दिया जाता है। कई मामलों में डॉक्टर्स गर्भाशय, अंडाशय और आसपास के लिम्फ नोड्स को निकालने की सलाह भी देते हैं।
. अगर कैंसर पेल्विस यानि श्रोणि में फैल जाए तो डॉक्टर सर्जरी द्वारा मूत्राशय, अंडाशय, गर्भाशय, योनि , मलाशय और कोलन के निचले हिस्से को भी निकाल सकते हैं।

विकिरण और कीमोथेरेपी से भी इलाज संभव

इसके अलावा विकिरण (Radiation Therapy) और कीमोथेरेपी द्वारा भी इसका इलाज किया जाता है। विकिरण थेरेपी में एक्स-रे जैसी उच्च-ऊर्जा वाली बीम का यूज करके कैंसर कोशिकाओं को मारा जाता है। वहीं कीमोथेरेपी में रसायनों का इस्तेमाल करके कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।

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नोट: बीमारी के रिस्क को कम करने के लिए धूम्रपान से दूर रहें और सुरक्षित संबंध बनाएं। साथ ही अगर ऊपर दिए लक्षणों में से कोई भी संकेत मिले तो बिना देरी अपने नजदीकी 'ओनकोलोजिस्ट' को चेक करवाएं क्योंकि लक्षणों की अनदेखी इसका सबसे बड़ा कारण है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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