क्या Sanitary Pads बन सकते हैं Cancer का कारण?

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2025 - 05:48 PM (IST)

नारी डेस्क: पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपने शरीर की सफाई और सुरक्षा के लिए अक्सर सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, इन पैड्स के अलावा टैंपून और मेंस्ट्रुअल कप का भी उपयोग किया जाता है, लेकिन पैड्स और पीरियड पेंटी का उपयोग अधिकतर महिलाएं ज्यादा आरामदायक मानती हैं। ये पैड्स सेफ्टी के लिहाज से अच्छे होते हैं, लेकिन इन्हें हर कुछ घंटों में बदलना बहुत जरूरी होता है।हालांकि, कुछ रिसर्च में यह दावा किया गया है कि इन पैड्स का लगातार इस्तेमाल महिलाओं की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, और ये कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। इनमें मौजूद कई केमिकल्स सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

क्या सैनिटरी पैड्स कैंसर का कारण बन सकते हैं?

सैनिटरी पैड्स, महिलाओं के मेंस्ट्रुअल हाइजीन का एक अहम हिस्सा हैं, लेकिन इनका लगातार इस्तेमाल सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है। एक प्रमुख चिंता यह है कि कुछ पैड्स में उपयोग किए गए केमिकल्स, खासकर डाइऑक्सिन, सिथेंटिक फाइबर, और फ्रैंगरेंस, शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन केमिकल्स के संपर्क में लंबे समय तक रहने से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।

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डाइऑक्सिन और कैंसर का रिश्ता

डाइऑक्सिन एक ब्लीचिंग प्रक्रिया का बाइप्रोडक्ट है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कार्सिनोजेन यानी कैंसर कारक पदार्थ माना है। हालांकि, पैड्स में डाइऑक्सिन की मात्रा कम होती है, लेकिन लंबे समय तक इन पैड्स का इस्तेमाल करने से यह शरीर में जमा हो सकता है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, यह कैंसर का कारण भी बन सकता है।

सिंथेटिक फाइबर और इंफेक्शन का खतरा

सिंथेटिक फाइबर से बने पैड्स में नमी को ट्रैप करने की क्षमता होती है। इससे न सिर्फ असहजता हो सकती है, बल्कि इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। जब पैड्स में नमी फंसी रहती है, तो यह क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन (लंबे समय तक सूजन) का कारण बन सकता है, और यही इंफ्लेमेशन बाद में कैंसर के विकास का एक प्रमुख कारण बन सकता है।

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क्या करना चाहिए?

डॉक्टरों का कहना है कि सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल आमतौर पर कैंसर का कारण नहीं बनता, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप पैड्स के चुनाव में सावधानी बरतें। जब भी सैनिटरी पैड्स खरीदें, तो उनकी सामग्री और उनके कंपोजिशन के बारे में पूरी जानकारी लें, ताकि बाद में सेहत पर बुरा असर न हो।

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आर्गेनिक और सुरक्षित विकल्प

पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल हाइजीन का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ऑर्गेनिक कॉटन पैड्स और मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करना ज्यादा सुरक्षित हो सकता है। ये न केवल सुरक्षित होते हैं, बल्कि शरीर में नमी को अधिक समय तक नहीं रोकते और संक्रमण का खतरा कम करते हैं।

साथ ही, डॉक्टर यह भी सलाह देते हैं कि पैड्स को हर 4-6 घंटे में बदलना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचा जा सके और हाइजीन बनाए रखा जा सके।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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