उषा नाडकर्णी ने किया बचपन का ज़िक्र: पिता ने कुल्हाड़ी से मारा, भाई को पीटकर बेहोश किया...होती थी शारीरिक हिंसा

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 04:05 PM (IST)

 नारी डेस्क: टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री उषा नाडकर्णी, जिन्होंने 'पवित्र रिश्ता' में सविता देशमुख का मशहूर किरदार निभाया था, ने हाल ही में अपने बचपन से जुड़ी कुछ खास और भावनात्मक बातें साझा कीं। एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान 79 वर्षीय उषा जी ने अपने पारिवारिक जीवन, अपने माता-पिता और संघर्षों के दिनों को याद करते हुए बताया कि उनका बचपन अनुशासन और सख्ती से भरा हुआ था।

कठिन माहौल में बीता बचपन

उषा जी ने बताया कि उनके पिता वायु सेना में थे और घर में अनुशासन को बहुत महत्व दिया जाता था। लेकिन यह अनुशासन कई बार सख्ती का रूप ले लेता था, जिससे बच्चों में एक डर का माहौल बन जाता था। उन्होंने कहा, "हमारे पिताजी बहुत अनुशासित थे, और छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ हो जाते थे। हम सभी बच्चे हमेशा इस कोशिश में रहते थे कि उन्हें कुछ गलत न लगे।"

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संवेदनशील अनुभवों को किया साझा

उषा नाडकर्णी ने बचपन की कुछ घटनाओं को याद करते हुए कहा कि कई बार कुछ परिस्थितियाँ बहुत कठिन हो जाती थीं। एक बार उन्होंने बताया कि उनके भाई को ज़रूरत से ज़्यादा डांट पड़ गई थी, और उन्हें खुद भी शारीरिक चोट लग गई थी। "उस समय मेरे हाथ में थोड़ी चोट लग गई थी, लेकिन मैंने अगला दिन अपने नाटक की प्रस्तुति दी, क्योंकि मेरे अंदर उस समय एक अलग ही जज़्बा था," उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

समझ और प्यार की झलक भी थी

उषा जी ने यह भी बताया कि उनके पिता सख्त ज़रूर थे, लेकिन उनका अपने बच्चों से लगाव भी गहरा था। वे कभी-कभी अपने गुस्से के बाद बच्चों को खुश करने के लिए उनकी पसंद की चीजें लाकर उन्हें मनाते थे।

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एक्टिंग के शुरुआती सफर में भी आईं चुनौतियां

उषा नाडकर्णी ने बताया कि जब उन्होंने अभिनय में करियर बनाने का फैसला किया, तो उनके माता-पिता इस फैसले से खुश नहीं थे। उन्हें कुछ समय के लिए घर से बाहर भी रहना पड़ा, लेकिन बाद में परिवार ने उन्हें स्वीकार किया और फिर सब कुछ धीरे-धीरे ठीक हो गया। "जब मैंने पहली बार एक्टिंग का ज़िक्र किया, तो घरवालों को यह पसंद नहीं आया, लेकिन बाद में सबने मेरा साथ दिया।"

आज बनीं लाखों की प्रेरणा

उषा नाडकर्णी ने अपने जीवन के अनुभवों से यह दिखाया कि सख्त माहौल में भी अगर जुनून हो, तो हर चुनौती को पार किया जा सकता है। आज वे एक सम्मानित और प्रेरणादायक अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से एक खास मुकाम हासिल किया है।

नोट: यह लेख एक अभिनेत्री के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है, जिसे उन्होंने खुद साझा किया है। इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या संस्था को गलत रूप में प्रस्तुत करना नहीं है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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