Sunscreen को लेकर आपस में भिड़े दो फेमस ब्रांड, दिल्ली हाईकोर्ट ने यूं सुलझाया मामला
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 12:00 PM (IST)

नारी डेस्क: सनस्क्रीन विज्ञापनों को लेकर दो प्रमुख स्किनकेयर ब्रांडों के बीच कोर्ट रूम में लड़ाई गर्मा गई थी । मामाअर्थ की मूल कंपनी होनासा कंज्यूमर ने हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) को अदालत में घसीटा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह प्रतिद्वंद्वी उत्पादों के बारे में झूठे और भ्रामक विज्ञापन चला रही है। होनासा का आरोप है कि 'लक्मे सन एक्सपर्ट एसपीएफ 50' विज्ञापन भ्रामक और गुमराह करने वाला है, जिसमें दावा किया गया है कि यह विशेष रूप से होनासा की द डर्मा कंपनी सनस्क्रीन को लक्षित करता है और प्रतिस्पर्धी उत्पादों को बदनाम करने का प्रयास करता है।
दोनों कंपनियां पोस्ट हटाने में हुई सहमत
उच्च न्यायालय ने इस पर फैसला सुनाते हुए होनासा और एचयूएल दोनों के लिए गैग ऑर्डर जारी किया था। कोर्ट ने आदेश में कहा था- "यह स्पष्ट किया जाता है कि कोई भी पक्ष इन कार्यवाहियों के बारे में मीडिया को कोई बयान नहीं देगा।" ऐसे में दोनों कंपनियों ने भी अपने सनस्क्रीन प्रोडक्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच अपने विज्ञापन अभियान (ad campaigns) और सोशल मीडिया पोस्ट वापस लेने के लिए आपसी सहमति बना ली है। HUL ने लैक्मे सनस्क्रीन कैंपेन में बदलाव करने पर सहमति जताई है। होनासा को भी लैक्मे का अपमान करने वाले सभी सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है।
ग़ज़ल अलघ से नाराज हुआ कोर्ट
इसके अलावा होनासा, एचयूएल एक दूसरे के फिजिकल होर्डिंग को हटाने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि इस विवाद के बीच कोर्ट ने होनासा के सह-संस्थापक ग़ज़ल अलघ के पोस्ट को लेकर भी नाराजगी जताई। दरअसल दोनों कंपनियों के बीच सहमति होने के बाद ग़ज़ल अलघ ने सोशल मीडिया पर जीत का दावा किया, जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई। होनासा के वकीलों ने तर्क दिया कि ग़ज़ल ने केवल “पंखुरी अग्रवाल” की लिंक्डइन पोस्ट को लाइक किया था, जिसमें दावा किया गया था कि “गज़ल अलघ और होनासा कंज्यूमर लिमिटेड की बड़ी जीत” है। एचयूएल के वकीलों ने तुरंत इशारा किया कि होनासा की जीत का समर्थन करने वाली “पंखुरी अग्रवाल” उनकी अपनी ब्रांड एंबेसडर थीं।
कंपनियों ने लगाए थे एक दूसरे पर आरोप
एचयूएल द्वारा लैक्मे के सनस्क्रीन विज्ञापन का जिक्र करते हुए अलघ ने आरोप लगाया था कि लंबे समय से "अच्छी प्रतिस्पर्धा की कमी" है, जिसके कारण बड़े पारंपरिक ब्रांड लापरवाह हो गए हैं। वहीं एचयूएल ने अपने मुकदमे में तर्क दिया कि डर्मा कंपनी के हाल ही में लगाए गए बिलबोर्ड में लक्मे पर सीधा निशाना साधा गया था और उसने होनासा से 105 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की। होनासा कंज्यूमर ने एक अलग बयान में कहा कि मामला तब समाप्त हो गया जब एचयूएल ने यह वचन दिया कि वे चल रहे सनस्क्रीन विज्ञापन अभियान को हटा देंगे और इसमें संशोधन करेंगे। एम जैसे ब्रांडों के मालिक होनासा कंज्यूमर ने कहा- "संशोधन में 'ऑनलाइन बेस्टसेलर' शब्द को हटाना शामिल होगा, लेकिन यह विज्ञापन में दिखाए गए पैकेजिंग के रंग को बदलने तक ही सीमित नहीं होगा।"