भारत की इकलौती ट्रेन जिसमें सफर करने पर नहीं लगता एक भी पैसा, जानें पूरी डिटेल

punjabkesari.in Friday, May 13, 2022 - 06:35 PM (IST)

भारतीय लोग ट्रेन में सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं। ट्रेन का सफर आरामदायक होता है। बसों के मुकाबले ट्रेनों में किराया कम है। परंतु भारत में एक ऐसी ट्रेन है जिसमें बिल्कुल भी किराया नहीं लगता। आप कानूनी तरीके से भी इसमें फ्री ही यात्रा कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि यह ट्रेन कहां से कहां तक चलती है...

कहां चलती है ट्रेन 

यह अद्भूत ट्रेन हिमाचल और पंजाब के बॉर्डर पर चलती है। यदि आप भाखड़ा नागल बांध देखना चाहते हैं तो आप इस फ्री वाली ट्रेन का लाभ उठा सकते हैं। यह ट्रेन सिर्फ नागल से भाखड़ा बांध तक ही चलती है। ट्रेन में पिछले 73 साल से 25 से ज्यादा गांवों के लोग सफर कर रहे हैं। 

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ट्रेन भाखड़ा बांध की जानकारी देती है

इस ट्रेन को एक उद्देश्य देने के लिए चलाया जाता है। इसका उद्देश्य है कि आने वाली पीड़ि को भाखड़ा बांध की जानकारी दी जाए। भाखड़ा बांध कैसे बना था बनाते समय किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा  था। ट्रेन का संचालन भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड करता है। इस रेलवे ट्रैक को बनाने के लिए पहाड़ों को काटकर एक आसान सा रास्ता बनाया गया था। ताकि निर्माण की सामग्री बांध तक पहुंचाई जा सके। 

40 मिनट का होता है सफर 

ट्रेन को नंगल से भाखड़ा बांध के डैम तक पहुंचने के लिए 40 मिनट लग जाते हैं। जब इसकी शुरुआत की गई थी तो इसमें 10 बोगीयां चलती थी, परंतु अब सिर्फ 3 ही बोगीयां चलती हैं। ट्रेन का एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिसर्व है। सुबह 7:05 मिनट पर ट्रेन नंगल से चलती है और शाम को 8:20 पर वापिस भाखड़ा बांध पर आ जाती है। दूसरी ओर दोपहर 3:05 में नंगल से चलती है और शाम को 4:20 पर भाखड़ा से नंगल वापिस आ जाती है। 

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1949 में चलाई गई थी ट्रेन 

ट्रेन को सन् 1949 में चलाया गया था। रोजाना ट्रेन में 25 गांव के 300 लोग सफर करते हैं। छात्रों को इस ट्रेन का बहुत ही फायदा होता है। ट्रेन नंगल से भाखड़ा डैम तक चलती है। इसके सारे कोच लकड़ी के ही बने हैं। इसके अलावा ट्रेन डीजल से चलती है। इसके अंदर बैठने के लिए भी लकड़ी के ही बैंच बने हुए हैं। 

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palak

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