बच्चा बनेगा Mentally Strong , हर चुनौती के आगे खंभे की तरह रहेगा खड़ा जब ऐसे करेंगे परवरिश

punjabkesari.in Thursday, Jun 22, 2023 - 12:07 PM (IST)

इधर जब  सेcompetitive exams जैसे नीट और आईआईटी एग्जाम के रिजल्ट आ रहे हैं, तब से लगातार एग्जाम में असफल हुए बच्चों की खुद को हानि पहुंचाने और आत्महत्या करने की खबरें भी बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में तमिलनाडु में भी एक 19 साल की लड़की ने NEET एग्जाम क्लियर ना कर पाने के गम में खुद की जान ले ली। बड़े हैरानी की बात है की आजकल के बच्चों में हौसले और आत्मविश्वास की इतनी कमी है। हार को स्वीकार ना कर पाना और अपने इमोशंस को अपने ऊपर हावी होने देकर वो खुद को खत्म करने जैसा कदम उठा लेते हैं, जो उनके पेरेंट्स को भी तोड़ कर रख देता है। जरूरी है की जिंदगी में आने वाली चुनौतियों के लिए पेरेंट्स अपने बच्चों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाएं। मेंटली स्ट्रॉन्ग बच्चे मुश्किल समय में अपने इमोशंस, विचारों और एक्शन को सही तरीके से चैनलाइज करने में सक्षम होते हैं और मुश्किलों का डटकर सामना करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चों को जिंदगी में कभी कमजोर पड़ते नहीं देखना चाहते हैं तो इन टिप्स के साथ करें उन्हें मेंटली स्ट्रॉन्ग....

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वास्तविकता में रहना सिखाएं

ज्यादातर पेरेंट्स ये सोचते हैं कि बच्चों को तो चुनौतियों और मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है, पर ये सच नहीं है। बच्चों को भी खुद पर शक होता है, उन्हें भी नेगेटिव विचार आते हैं। इसका असर बच्चे के बिहेवियर और एक्शन पर पड़ता है। पेरेंट्स को बच्चे को समझाना चाहिए कि उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए और हर स्थिति में पॉजिटिव रहना चाहिए। बच्चों में आत्मविश्वास भरने के लिए उन्हें वास्तविकता में रहना सिखाएं।

इमोशंस रखें कंट्रोल में

सबसे ज्यादा बच्चों को जरूरत है अपने इमोशंस को कंट्रोल में रखने की। पैरेट्स को भी बच्चों के इमोशंस समझने चाहिए। किस तरह उनके इमोशंस उनके बिहेवियर को प्रभावित करते हैं। एक बार पैरेट्स इन बातों को समझ गए तो वो बच्चों को इन चीजों को हैंडल करने के काबिल बना पाएंगे। बच्चे खुद को कभी इमोशनल कमोचर महसूस नहीं करेंगे।

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गलतियां करने दें

सफल होने से पहले हर कोई बहुत गलतियां करता है और अपनी गलतियों से ही सीखकर सफलता तक पहुंचता है। आप भी अपने बच्चे को गलती करने पर डांटें नहीं, ऐसा करने से वो गलतियां करने से डरेगा। बच्चों में गलतियों से सीखने और उन्हें स्वीकार करने की प्रवृत्ति पैदा करें। बच्चों को लगाना चाहिए की गलती करना गलत बात नहीं है।

प्रॉब्लम solve करना सिखाएं

ये एक ऐसी लाइफ स्किल है जो हर बच्चे को आनी ही चाहिए। आप बच्चों के लिए उनकी प्रॉब्लम सॉल्व ना करें, बल्कि उनको खुद से हर मुश्किल का हल करना सिखाएं।

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रोल मॉडल बनें

आप बच्चे को कुछ और सिखा रहे हैं और खुद उसका उल्टा कर सहें तो फिर बच्चों को दी गई सीख पर चलने की उम्मीद ना करें। बच्चा वही करता है जो वो देखता है, इसलिए जरूरी है कि आप जो सिखाएं, उस पर खुद भी अमल करें। तभी आप बच्चों के लिए एक अच्छे रोल मॉडल बन पाएंगे।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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