Ganesh Utsav: गणेश चतुर्थी पर घर में इस तरह तैयार करें बप्पा की Eco Friendly मूर्ति

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2023 - 07:05 PM (IST)

गणेश उत्सव पर  हर साल लाखों भारतीय बप्पा को अपने घर में लेकर आते हैं और 10 दिन के बाद नदी या समुद्र के पानी में विसर्जित कर देते हैं। परंतु यह मूर्तियां कैमिकल से बनी होती है। यह कैमिकल पानी में मिलकर उसे पूरी तरह से दूषित कर देता है। इस पानी के कारण प्रदूषण फैलता है और पर्यावरण प्रभावित होता है। ऐसे में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए आप घर में इको फ्रैंडली मूर्ति तैयार कर सकते हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि आप कैसे घर में मूर्ति बना सकते हैं....

सामग्री 

शाड़ू मिट्टी 
प्लास्टिक प्लेटफॉर्म 
अखबार
लकड़ी की डंडी
पेंट और ब्रश 
श्रृंगार का सामान

PunjabKesari

कैसे बनाएं मूर्ति?

. सबसे पहले एक लकड़ी का अच्छा चौकोर आकार का टुकड़ा लें। इस पर मूर्ति स्थापित करें। 
. फिर मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी को साफ पानी में डालकर आटे की तरह गूंथ लें।
. इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा गिली या फिर सूखी न हो। 
. अब एक प्लास्टिक, वुडन या फिर कोई भी प्लेटफॉर्म पर अखबार रखें ताकि मिट्टी न चिपके। 
. इसके बाद मिट्टी को गणेश जी की प्रतिमा का आकार दे दें। 
. आकार देने के लिए आप इंटरनेट से आइडियाज भी ले सकते हैं। 
. पहले मिट्टी से धड़ बनाएं फिर लकड़ी की डंडी के साथ सिर, हाथ, पैर और सूंड बनाकर जोड़ दें। 
. जब मूर्ति बनकर तैयार हो जाए तो उसे सूखने के लिए कुछ देर के लिए रख दें। 
. मूर्ति जब अच्छी तरह से सूख जाए तो पेंट के साथ उसमें रंग भरे और फिर बप्पा का श्रृंगार करें। 

इस तरह करें मिट्टी के गणेश जी की पूजा 

भगवान गणेश की प्रतिमा घर में स्थापित करें सुबह शाम मूर्ति के आगे धूप-दीप जलाएं। बप्पा को दूर्वा, फूल, फल और प्रिय मोदक जरुर अर्पित करें। 10 दिन बाद आप नदी या फिर तालाब में मूर्ति का विसर्जन करें। आप घर में एक बाल्टी या फिर टब में भी बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं।

PunjabKesari

इन चीजों से भी तैयार कर सकते हैं मूर्ति 

यदि आप मिट्टी की मूर्ति नहीं बनाना चाहते हैं तो घर में चंदन, दूर्वा, आटे, हल्दी या फिर चॉकलेट से बनी मूर्ति भी गणेश जी की बना सकते हैं। इसके अलावा आप ऑनलाइन इको फ्रैंडली मूर्ति का ऑर्डर भी दे सकते हैं। 

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं कैमिकल वाली मूर्ति 

कैमिकल से बनी मूर्तियां पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होती हैं। इन मूर्तियों को जब पानी में विसर्जित किया जाता है तो इनमें से निकलने वाली कैमिकल पानी में मिलकर मछलियों के लिए खतरनाक होता है। इस पानी में रहकर मछलियां मर जाती हैं। ऐसे में आप घर में ही ईको फ्रैंडली मूर्ति बनाकर पर्यावरण की रक्षा करें और त्योहार एंजॉय करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाएं। 

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

palak

Related News

static