Mystery से भरी इस जगह में दफन है अरबों का खजाना

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 02:38 PM (IST)

दुनिया की बहुत सी जगहों से रहस्मयी कहानियां जुड़ी हुई है। प्राचीन समय में बनेे हुई इमारतों को लेकर बहुत सी बातें सुनने को मिलती है। आज हम बात कर रहें है हरियाणा में स्थित बावड़ी की। मुगलकाल में बनी इस बावड़ी को 'चोरों की बावड़ी' भी कहा जाता है। लोगों का कहना है कि इस बावड़ी में सुरंगो का जाल बना हुआ है जेकि दिल्ली, हिसार और लाहौर तक जाता है। इसके अलावा लोगों का मानना है कि यहां पर आरबों के खजाने को दफन किया गया है। तो आइए इसके बारे में कुछ और रहस्मयी बातों को जानते है। 

1. सुरंगों का जाल
मुगल काल में बनी इस बावड़ी का निर्माण 1658-59 में शाहजहां ने करवाया था। इस बावड़ी में बने कुएं में जाने के लिए 101 सीढ़ियों से निचे उतरना पड़ता है। कुएं के उपर लगे हुए एक पत्थर पर फारसी भाषा में ‘स्वर्ग का झरना’ लिखा हुआ है। शाहजहां ने मुसाफिरों के आराम के लिए यहां पर कई कमरों का भी निर्माण करवाया था। ऐसा भी कहा जाता है कि रजबाड़ो की लड़ाई के समय राजाओं की सेनाएं यहां पर विश्राम करती थी।

PunjabKesari

2. अरबों का खजाना
कहा जाता है कि ज्ञानी चोर धनवानों का लूटने के बाद इस बावड़ी में छलांग लगाकर गायब हो जाता था। लोगों का मानना है कि ज्ञानी चोर का अरबों का खजाना यहीं दफन है। पुलिस से बचने के लिए वो यहीं पर आकर छुपता था और उनके जाने के बाद वो पिर से निकल आता था। परन्तु इतहासकारों इस ज्ञानी चोर की कहानी को नहीं मानते। इतिहासकारों कहना है कि उस समय पानी की जरुरत को पूरा करने के लिए इस तरह की बावड़ियों का निर्माण किया जाता था।

3. लोगों की मौत
इस खाजाने की खोज में जाने वाले लोग आज तक लौट वापस नहीं आएं। लोगों कि मान्यताओं को ध्यान में रख कर सरकार मे इसकी खोज फिर से शुरु कर दी थी लेकिन बहुत ढूढ़ने के बावजूद भी उन्हें यहां पर कुछ नहीं मिला। 

PunjabKesari

4. गायब हो गई बारात
यह बावड़ी जमीन में कई फुट नीचे तक बनी हुई है और इसमें कई सुरंगे भी बनी हुई है। अंग्रेजों के समय में एक बारात सुरंगों के रास्ते दिल्ली जाना चाहती थी। पर कई दिन बीतने के बाद भी सुरंग में उतरे बाराती न तो दिल्ली पहुंच पाए और न ही वापस निकले। इस घटना के बाद अग्रेजों ने इस बावड़ी को बंद कर दिया था और यह अभी तक बंद है।

5. सही देखभाल
सही देखभाल न मिलने के कारण इस बावड़ी के बुर्ज व मंडेर गिर चुके है और कुएं का पानी काला पड़ चुका है। इसके अलावा इस बावड़ी की एक दिवार भी गिर चुकी है और दूसरी गिरने वाली है। लोहे के दरवाजे जाम हो चुके हैं। पुरातत्व विभाग के अंतर्गत होने के बावजूद भी इस बावड़ी की ठीक से देखभाल नहीं की जा रही है।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static