इन महिलाओं को Uterus Cancer का खतरा अधिक, समय पर पहचानें लक्षण
punjabkesari.in Wednesday, Sep 15, 2021 - 01:11 PM (IST)
गर्भाशय कैंसर यानि यूट्रस कैंसर महिलाओं में काफी तेजी से फैल रही है।अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह बीमारी महिला को मौत के दरवाजे पर ले जाती है। जानकारी का अभाव महिलाओं में इस कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। आंकड़ों के अनुसार, हर 70 महिलाओं में से एक को गर्भाशय कैंसर होता है। इतना ही नहीं, हर 5 में से एक महिला को गर्भाशय कैंसर आनुवांशिक रूप से होता है।
कैसे फैलता है यूट्रस कैंसर?
गर्भाशय अंदर एंडोमेट्रियम नाम की एक परत होता है। एंडोमेट्रियम की कोशिकाएं जब यूट्रस में असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तब कैंसर हो सकता है। इसके कारण ना सिर्फ महिलाओं को मां बनने में दिक्कत आती है बल्कि उन्हें जान का खतरा भी रहता है।
इस बीमारी के मुख्य कारण है...
. इसका कारण सबसे पहला कारण तो माहवारी के समय होने वाला इंफेक्शन
. सैनेटरी पैड का ज्यादा इस्तेमाल भी इसका जोखिम बढ़ाता है।
. आनुवांशिक या परिवार में इसकी हिस्ट्री होना
. गर्भनिरोधक गोलियां, धूम्रपान, मोटापा, और हार्मोन्स असंतुलित के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा
वैसे तो औरतें किसी भी उम्र में इस बीमारी के घेरे में आ सकती है लेकिन 30 से 35 उम्र की इसका ज्यादा खतरा होता है।
. इसके अलावा जो महिलाएं कभी प्रेगनेंट न हुई हो,
. जिनका मेनोपॉज 55 साल के बाद हुआ हो
. जिन किशोरियों को पीरियड्स 15 से पहले शुरू हो गए हो
. पीसीओएस और डायबिटीज से जूझ रही महिलाओं को इसकी संभावना 50% ज्यादा होती है।
. शोध की मानें तो यूट्रस ट्यूमर के कारण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी काफी बढ़ जाती है।
यूट्रस कैंसर के लक्षण
पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग होना
पीरियड्स के अलावा भी अचानक ब्लीडिंग हो तो उसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि वैजाइना ब्लीडिंग या किसी भी तरह का लिक्विड डिस्चार्ज यूट्रस कैंसर का संकेत हो सकता है।
पेल्विक में दर्द
पेल्विक यानी पेड़ू में भी बेवजह दर्द रहता है तो पेनकिलर से काम ना चलाएं। तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं क्योंकि यह यूट्रस कैंसर का इशारा हो सकता है।
वजन कम होना
बिना डाइटिंग और एक्सरसाइज के वजन तेजी से घट रहा है तो उसे बिल्कुल अनदेखा ना करें। यूट्रस कैंसर के अलावा यह थायराइड का संकेत भी हो सकता है।
लगातार पेशाब लगना
बार-बार पेशाब लगना, बदबूदार डिस्चार्ज, पेशाब से खून आना या यूरिन पास करते समय दर्द जैसी समस्याएं को भी इग्नोर ना करें और जांच करवाएं।
शरीर में दर्द
पीठ में पीछे निचले हिस्से, पेट के निचले भाग में दर्द या सूजन रहती है तो जांच करवाएं। इसके अलावा पेट फूलना, अपच, एसिडिटी, मितली और हार्टबर्न जैसे लक्षण की भी अनदेखी ना करें।
संबंध बनाते समय दर्द होना
ओवरी में ट्यूमर होने के कारण संबंध बनाते समय बहुत दर्द होता है, जिसे डायसपारुनिया कहा जाता है।
मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग
अगर मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
अक्सर सांस लेने में दिक्कत
इसके कारण पेट में एक तरल पदार्थ बनता है, जो पेट की लाइनिंग में दिक्कत डालता है। इसके कारण अक्सर सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।