Health Alert! कैंसर से बचना चाहती हैं तो आज ही निकाल फेंके किचन की ये 8 चीजें

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 10:51 AM (IST)

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जोकि हर साल लाखों लोगों की जान ले लेती है। लोगों को लगता है कि सिर्फ गलत-खान और धूम्रपान ही कैंसर की वजह है जबकि ऐसा नहीं है। आपके किचन में भी कई ऐसी चीजें मौजूद है, जो आपको कैंसर का मरीज बना सकती हैं। किचन में कई सारा ऐसा सामान होता है जिसके प्रयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रसोईघर वह जगह है जहां बैक्टीरिया, रोगाणु और रोग होते हैं इसलिए यहां मौजूद चीजों से कैंसर का खतरा भी अधिक है। अगर आपकी किचन में भी इनमें से कोई चीज मौजूद है तो बेहतर होगा कि आप उसे हटा दें।

 

प्लास्टिक की बोतलें

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प्लास्टिक की बोतलों और कंटेनरों को बनाने के लिए बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक रासायनिक यौगिक का यूज किया जाता है। इसका नियमित इस्तेमाल इम्यूनिटी और हार्मोन प्रभावित करता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, प्लास्टिक कंटेनरों में खाना गर्म करने से निकलने वाले टॉक्सिंस इंसुलिन को बढ़ाकर फैट सेल्स को रिलीज करते हैं, जोकि कैंसर की संभावना बढ़ा देते हैं।

वैकल्पिक: कैंसर से बचने के लिए कांच से बने बर्तनों का उपयोग करें।

रिफाइंड ऑयल

किसी भी तेल को रिफाइन करने के कई सारे एसिड का इस्तेमाल होता है। वहीं इसकी तीखी गंध को दूर करने के लिए हेक्सानॉल नामक एक रसायन का प्रयोग होता है। ऐसे में जब प्रोसेस्ड रिफाइंड तेल को गर्म किया जाता है तो यह ट्रांस फैट को ऑक्सीडाइज व रिलीज करता है, जो कैंसर और दिल के रोगों का कारण बन सकता है।

वैकल्पिक: खाना बनाने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और कैंसर का खतरा भी कम होता है।

नॉन-स्टिक कुकवेयर

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आजकल खाना बनाने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। शोध के अनुसार, 90% शहरी लोग इन बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन बता दें कि इससे भी आप कैंसर की चपेट में आ सकते हैं। दरअसल, तेज फेलम पर नॉन-स्किट कुकवेयर का प्रयोग धुएं के रूप में PFCs कोटिंग पर असर डालता है। यह कोटिंग पेट में जाकर कैंसर, लीवर और डाइजेस्टिव सिस्टम जैसी परेशानियों का कारण भी बनता है।

वैकल्पिक: इसकी बजाए खाने बनाने के लिए कॉपर, तांबे, लौहे या स्टील के बर्तनों का यूज करें।

एल्युमिनियम फॉयल

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, शरीर के लिए 50 मिलीग्राम एल्यूमीनियम सही होता है। वहीं फॉयल में पैक्ड फूड में करीब 2-5 मिलीग्राम एल्यूमीनियम होता है। दरअसल, फॉयल की यह मात्रा बॉडी में जिंक के अवशोषण में समस्या पैदा करती है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इससे बोन डेंसिटी भी कम होती है।

वैकल्पिक: इसकी बजाए आप बटर पेपर या सूती कपड़े का यूज करें।

टूटी हुई क्रॉकरी

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अगर आप भी अपनी पसंदीदा क्रॉकरी को टूटने के बाद भी संभाल कर रखे हुए हैं तो सावधान हो जाएं। क्रैक क्रॉकरी कभी भी पूरी तरह से साफ नहीं होगी क्योंकि कीटाणु छोटे खांचे में बस जाते हैं। बाद में यही कीटाणु कैंसर के साथ अन्य बीमारियों का कारण बनते हैं। ऐसे में इसे फेंक देना ही आपके लिए बेहतर होगा।

वैकल्पिक: नई क्रॉकरी के साथ बदलें।

प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड

शोध के अनुसार, प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं जो आगे चलकर पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। वहीं प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक तत्व भी खाने में मिल जाते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं।

वैकल्पिक: प्लास्टिक की बजाए लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड पर सब्जियां काटें।

एल्युमिनियम के बर्तन

एल्युमिनियम फॉयल ही नहीं बल्कि इससे बने बर्तन भी आपके लिए धीमा जहर हैं। एल्यूमीनियम के बर्तनों के नियमित उपयोग से गुर्दे और फेफड़ों की समस्याएं होती हैं। शोध में साबित हो गया है कि एल्यूमीनियम के बर्तनों के उपयोग से भोजन में एल्यूमीनियम कणों का रिसाव होता है, जो शरीर में जमा होकर कैंसर और दिल की बीमारियों का कारण बनता है।

वैकल्पिक: एल्युमिनियम को स्टेनलेस स्टील बर्तनों से स्विच करें।

केमिकल युक्त फल व सब्जियां

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आप बाजार से जिस फल व सब्जी को ताजा समझकर घर ले आते हैं, उनमें बहुत से केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार धोने से भी यह केमिकल साफ नहीं होते और कैंसर का कारण बनते हैं।

वैकल्पिक: इससे बचने के लिए आप ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं या घर पर ही सब्जियां उगाएं।


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Content Writer

Anjali Rajput

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