इस गुफा में छिपा है दुनिया के खत्म होने का रहस्य, यहीं पर है स्वर्ग- नरक का द्वार, जानें रास्ता
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 04:04 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत एक ऐसा देश है जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीन मंदिरों और उनसे जुड़ी रहस्यमयी कहानियों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जिनके रहस्य आज भी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक पहेली बने हुए हैं। इन्हीं में से एक मंदिर है पाताल भुवनेश्वर मंदिर। यह मंदिर ना सिर्फ आस्था का केंद्र है बल्कि इसके भीतर कई ऐसे रहस्य छिपे हैं जिन्हें सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
मंदिर का नाम और विशेषता
जिस रहस्यमयी मंदिर की बात हो रही है, उसका नाम है पाताल भुवनेश्वर मंदिर। यह मंदिर बाकी मंदिरों से बिल्कुल अलग है क्योंकि यह एक गहरी गुफा के अंदर स्थित है जिसकी गहराई लगभग 90 फीट है। इस गुफा में उतरने के बाद ही आप मंदिर के मुख्य भाग तक पहुंच पाते हैं। गुफा का प्रवेश एक छोटा सा रास्ता है जो समय के साथ और भी रहस्यमयी बन गया है।
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पाताल लोक से जुड़ा है इस मंदिर का रहस्य
पाताल भुवनेश्वर मंदिर को पाताल लोक से जोड़ा जाता है। जब आप इस मंदिर में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले आपको शेषनाग की एक विशाल आकृति दिखाई देती है। यह आकृति इतनी स्पष्ट है कि ऐसा लगता है जैसे किसी कलाकार ने इसे चट्टान पर उकेरा हो। स्थानीय मान्यता के अनुसार, शेषनाग के फन पर ही यह धरती टिकी हुई है। यह भी माना जाता है कि भगवान शिव स्वयं इस गुफा में निवास करते थे और यहीं से उन्होंने संसार की कई लीलाएं की थीं।
दुनिया के अंत का छिपा है इशारा
इस मंदिर से जुड़ी एक और रोचक मान्यता है कि यहां दुनिया के खत्म होने का रहस्य छिपा हुआ है। गुफा के अंदर एक शिवलिंग है जो धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है। कहा जाता है कि जिस दिन यह शिवलिंग गुफा की छत को छू लेगा, उसी दिन दुनिया का अंत हो जाएगा। यह मान्यता श्रद्धालुओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है और इसी कारण यह मंदिर और भी रहस्यमयी बन जाता है।
यहां तक पहुंचना आसान नहीं
अगर आप पाताल भुवनेश्वर मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं तो आपको बता दें कि वहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। गुफा का रास्ता काफी तंग और फिसलन भरा है, इसलिए वहां पर दोनों तरफ लोहे की चेन लगाई गई हैं, जिससे भक्त सहारा लेकर अंदर जा सकें। लेकिन जितना कठिन है इस गुफा में जाना, उतना ही मुश्किल है वहां से सुरक्षित बाहर आना। इसलिए यह यात्रा रोमांच से भरपूर और हिम्मत वालों के लिए होती है।
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गुफा में मौजूद हैं वो रहस्य जिनके आगे विज्ञान भी हैरान है
पाताल भुवनेश्वर की गुफा में कई ऐसे रहस्य हैं जो आज भी वैज्ञानिक तौर पर समझ नहीं आ पाए हैं। यहां पर आपको चार खास द्वार दिखाई देते हैं – स्वर्ग द्वार, नरक द्वार, मोक्ष द्वार, और पाप द्वार। इसके अलावा, यहां 33 करोड़ देवी-देवताओं के प्रतीक चिह्न एक ही जगह देखने को मिलते हैं जो अपने आप में अनोखी बात है। गुफा के अंदर आपको भगवान गणेश का सिर भी दिखाई देगा, जिसके ऊपर से ब्रह्म कमल की बूंदें टपकती हैं। यह सब कुछ प्रकृति द्वारा बनी हुई संरचनाएं हैं लेकिन इतनी स्पष्ट और सजीव कि पहली नजर में विश्वास करना मुश्किल हो जाता है।
पाताल भुवनेश्वर मंदिर कहां स्थित है?
यह अद्भुत और रहस्यमयी मंदिर उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह मंदिर गंगोलीहाट नाम की जगह से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर है। गुफा की कुल लंबाई 160 मीटर और गहराई 90 फीट के करीब है। यहां पहुंचने के लिए आपको थोड़ा साहस और तैयारी की ज़रूरत होगी।
कैसे पहुंचें पाताल भुवनेश्वर मंदिर?
रेल मार्ग से: पाताल भुवनेश्वर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन का नाम है टनकपुर, जो यहां से लगभग 154 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टनकपुर से आप टैक्सी या लोकल बस के जरिए आसानी से गंगोलीहाट और पाताल भुवनेश्वर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से: टनकपुर रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, दिल्ली, आगरा और कोलकाता से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप आसानी से सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं।
अगर आप घूमने-फिरने के साथ-साथ आध्यात्मिक यात्रा का भी अनुभव लेना चाहते हैं, तो पाताल भुवनेश्वर मंदिर आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। यहां ना सिर्फ आपको प्रकृति का सौंदर्य देखने को मिलेगा, बल्कि आस्था, इतिहास और रहस्य का ऐसा संगम मिलेगा जो शायद ही किसी और मंदिर में हो।