बच्चे की पहली पॉटी में छिपा होता है उसकी सेहत का राज

punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 04:06 PM (IST)

नारी डेस्क: नवजात शिशु की पहली पॉटी (Meconium / मीकोनियम) उसके स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेत होती है। जन्म के बाद 24–48 घंटे के भीतर यह पहली पॉटी निकलती है और इसके रंग, बनावट और समय से बच्चे की सेहत के कई बड़े संकेत मिलते हैं।  2016 से 2017 के बीच करीब 3,500 नवजात शिशुओं की पॉटी का विश्लेषण किया गया, जिसके नतीजे बेहद ही चौंकाने वाले थे। चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से। 


क्या कहते हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों ने अब तक आंत के बैक्टीरिया की वयस्क स्वास्थ्य में भूमिका पर तो कई स्टडी की हैं, लेकिन बचपन में इनके प्रभाव के बारे में बहुत कम जानकारी थी. अब यह तस्वीर बदलने लगी है। अध्यन्न में पाया गया कि  पहले छह से बारह महीनों में जो बैक्टीरिया बच्चे की आंतों में बसते हैं, वे उसकी सेहत की दिशा तय करते हैं जैसे एलर्जी का खतरा कितना होगा, पाचन तंत्र कितना मजबूत रहेगा और शरीर भोजन को किस तरह स्वीकार करेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, जीवन के पहले हजार दिन सबसे अहम होते हैं,इन्हीं दिनों में गट माइक्रोबायोम की जो नींव पड़ती है, उसका असर आने वाले दशकों तक रहता है। 


पहली पॉटी का समय क्या बताता है?

24 घंटे के भीतर पॉटी आना  सामान्य  माना जाता है, इससे पता चलता है बच्चे का पाचन तंत्र ठीक से काम कर रहा है, आंतें स्वस्थ हैं, जन्म के दौरान कोई जटिलता नहीं है। 24–48 घंटे बाद पॉटी आना  ध्यान देने की जरूरत है यह  धीमा पाचन, जन्म के दौरान तनाव, दूध न मिलने की समस्या की ओर इशारा करता है। 48 घंटे से अधिक देर के बाद पॉटी आना चेतावनी का संकेत देती है।  इससे पता चलता है कि बच्चे को आंतों में रुकावट (Intestinal blockage) हिर्शस्प्रंग डिज़ीज़, मेकोनियम इलियस (अक्सर सिस्टिक फाइब्रोसिस से जुड़ा) जेसी समस्या हो सकती है। 


 पहली पॉटी का रंग क्या बताता है?

मीकोनियम गहरा हरा, काला या टार जैसा होता है  यह बिल्कुल सामान्य है। वहीं हलकापन या पीला रंग धातुओं की कमी या पाचन समस्या की ओर इशारा करता है। खून की धार आंतों में चोट, फिशर, या संक्रमण को बढ़ावा देती है।  कभी-कभी बच्चे की पॉटी गर्भ में ही निकल जाती है, जिससे एमनियोटिक फ्लूइड हरा हो जाता है। यह संकेत हो सकता है लेबर लंबा होने से बच्चा दबाव में,  प्रसव के दौरान ऑक्सीजन कम मिलना। अगर बच्चा यह फ्लूइड सांस के साथ अंदर ले ले तो Meconium Aspiration Syndrome हो सकता है। जिसमें सांस लेने में दिक्कत होती है।


कब चिंता करनी चाहिए?

तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, अगर 24 घंटे बाद भी पहली पॉटी न आए, पॉटी में खून दिखे, बच्चा दूध पीते ही उल्टी करे, पेट असामान्य रूप से फूल जाए, सांस लेने में कठिनाई हो।  रिसर्च यह भी दिखाती है कि जिन नवजातों की आंतों में जन्म के शुरुआती हफ्तों में सही बैक्टीरिया विकसित हो जाते हैं, वे आगे चलकर वायरल इंफेक्शन और इम्यून कमजोरियों से बेहतर तरीके से लड़ पाते हैं। यानी, बच्चे की पहली पॉटी केवल एक अपशिष्ट नहीं, बल्कि एक हेल्थ रिपोर्ट है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static