गणपति जी का इकलौता मंदिर जहां मानव मुख में स्थापित हैं बप्प

punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 06:08 PM (IST)

नारी डेस्क : तमिलनाडु के प्रसिद्ध आदि विनायक मंदिर में गणेश जी की अनोखी मानव मुख वाली मूर्ति स्थापित है। इसे गणेश जी का मूल रूप माना जाता है, इससे पहले उनका हाथी का सिर नहीं था। यह मंदिर खास तौर पर इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि गणेश जी को बाधाएं दूर करने और पूर्वजों का सम्मान करने वाला देवता माना जाता है। इस अनोखी मूर्ति और मंदिर की विशेषता के कारण, सालभर और खासकर गणेश चतुर्थी के अवसर पर देशभर से भक्त यहां आते हैं।

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गणपति जी का अनोखा और इकलौता मंदिर जहां उनकी मानव मुख वाली मूर्ति स्थापित है

जी हां, तमिलनाडु के तिलथरपानापुरी स्थित 'आदि विनायक मंदिर' में गणेश जी हाथी सिर वाले देवता नहीं हैं बल्कि उनका मानव मुख है। यह प्रतिमा भगवान गणेश के मूल रूप का प्रतिनिधित्व करती है  जो भगवान शिव ने हाथी का सिर देने से पहले माता पार्वती द्वारा बनाया गया था। इस अनोखे मंदिर को अद्वितीय माना जाता है और यह पूरे भारत से भक्तों को आकर्षित करता है। मान्यता है कि यहां लोग अपने संकटों को दूर करने और नए कार्य के आरंभ के लिए आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं।

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यह स्थान पितृ तर्पण (पूर्वजों के लिए तर्पण) जैसी धार्मिक क्रियाओं के लिए भी पवित्र माना जाता है। ऐसी भी पुरानी मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ के लिए विधिवत पितृ कर्म/तर्पण किया था। यहां 5 फुट ऊंची मूर्ति सर्प आभूषणों से सुसज्जित है। देवता के हाथों में कुल्हाड़ी, रस्सी, कमल और मोदक हैं। ये सब शक्ति, पवित्रता और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं।

गणेश चतुर्थी और महा शिवरात्रि जैसे त्योहारों पर यहां भव्य पूजा-अर्चना होती है और हर गुरुवार को विशेष पूजा होती है जो आदि विनायक के लिए समर्पित की जाती हैं। आदि विनायक मंदिर वह स्थान है जहां आप गणपति जी को उनके प्राचीन स्वरूप में पाएंगे, मानव रूप वाले चेहरे के साथ।

 

 


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Content Writer

Vandana

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