गर्दन का मोटापा खोलेगा दिल का राज, घर बैठे ही पता चल जाएगा हार्ट में ब्लॉकेज है या नही
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 11:11 AM (IST)

नारी डेस्क: डॉक्टर्स का कहना है कि साल में एक बार व्यक्ति को पूरे शरीर की जांच जरूर करानी चाहिए, फिर चाहे व्यक्ति में कोई रोग हो या वह स्वस्थ हो। वैसे तो दिल के रोग की जांच के लिए कई महंगे टेस्ट होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्दन की मोटाई भी बता देगी कि आपका दिल स्वस्थ है या नहीं। हाल के शोध में यह पाया गया है कि गर्दन की परिधि (Neck Circumference) व्यक्ति के मेटाबॉलिक (Metabolic) और हृदय संबंधी (Cardiovascular) स्वास्थ्य जोखिमों का एक महत्वपूर्ण संकेतक हो सकता है।
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क्यों है गर्दन की परिधि जरूरी?
अगर गर्दन मोटी है या उसकी परिधि ज्यादा है, तो यह संकेत है कि शरीर में फैट (विशेषकर ऊपरी हिस्से में) जमा हो रहा है। यह फैट विसरल फैट (अंदरूनी चर्बी) से जुड़ा होता है, जो डायबिटीज़ और हार्ट डिजीज़ जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। बड़ी गर्दन की परिधि का संबंध हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर लेवल और खराब कोलेस्ट्रॉल से पाया गया है। इसका मतलब है कि ऐसे लोगों को डायबिटीज़ और मोटापे से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक होता है।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
मोटी गर्दन वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि उनकी धमनियों में फैट और ब्लॉकेज बनने की संभावना बढ़ जाती है। गर्दन मोटी होने से सांस लेने में रुकावट (sleep apnea) की समस्या हो सकती है, जो नींद की गुणवत्ता और हृदय के स्वास्थ्य को खराब करती है।
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सामान्य सीमा (Approximation)
पुरुषों के लिए अगर गर्दन की परिधि 38-39 सेमी है तो यह चेतावनी का संकेत हो सकता है। महिलाओं के लिए अगर गर्दन की परिधि 34-35 सेमी है, तो स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकता है। आसान भाषा में कहें तो, गर्दन की परिधि एक सस्ता, आसान और बिना दर्द का तरीका है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी व्यक्ति को भविष्य में डायबिटीज़, मोटापा या हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा है या नहीं।