Swami Vivekananda Jayanti: उठो, जागो और तब तक नहीं रुको... पढ़िए स्वामी जी के अनमोल विचार
punjabkesari.in Wednesday, Jan 12, 2022 - 01:05 PM (IST)
भारत के करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देने वाले स्वामी विवेकानंद जी की आज जयंती है। इस खास दिन को देशभर में 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के तौर पर मनाया जाता है। स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। वे एक सच्चे राष्ट्रभक्त, महान दार्शनिक, आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं में से जाने जाते थे। वे लोगों की मदद करने के लिए हरदम तैयार रहते थे। उनका मानना था कि लोगों की सेवा करना भगवान की पूजा करने के समान है। उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरणा व जीवन में सफलता पाने के लिए एक प्रेरित करते हैं। चलिए आज इस खास मौके पर हम आपको स्वामी विवेकानंद जी के कुछ प्रेरणादयक विचार बताते हैं, जिसे हर किसी को जीवन में जरूर अपनाना चाहिए...
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प्रेरणादायक विचार
. जिस काम को करने का जब संकल्प लिया हो उसे उसी वक्त पर पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। नहीं तो लोगों का आप पर भरोसा उठ सकता है।
. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक तुम अपना लक्ष्य ना पा लो। ऐसे कड़ी मेहनत करके आप जीवन में ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंच सकते हैं।
. जीवन में ज्यादा रिश्ते होना मायने नहीं रखता है बल्कि उन रिश्तों में जीवन होना होना होता है।
. दिन में एक बार अपने लिए समय निकालकर खुद से बात करनी चाहिए। नहीं तो आप दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण इंसान से बात करने का मौका गवां सकते हो। असल में, हमारे अंदर एक बेहतरीन व्यक्ति छिपा होता है जिसे पहचानने की जरूरत होती है।
. अगर कही जीवन में दिल और दिमाग में टकराव हो जाएं तो हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए।
. खुद को कमजोर समझने की कभी गलती नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना जीवन में सबसे बड़ा पाप कहलाया जा सकता है।
. जीवन में आप जितना बड़ा संघर्ष करोगे आपको उतनी ही शानदार जीत हासिल होगी।
छात्रों के लिए
. हर छात्र को पढ़ने व सफलता पाने के लिए एकाग्रता शक्ति की जरूरत हैं। इसे पाने के लिए ध्यान सबसे जरूरी माना गया है। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर काबू रखकर एकाग्रता हासिल कर सकते हैं।
. ज्ञान स्वयं में ही वर्तमान है और मानव केवल उसका आविष्कार कर सकता है।
. उठो और जागो और तब तक न रुको जब तक तुम अपनी मंजिल हासिल ना कर लो।
. जब तक जीना, तब तक सीखना है। असल में, अनुभव ही जगत में सबसे बड़ा शिक्षक होता है। इससे ही हम जीवन में बहुत कुछ सीखते व हासिल करते हैं।
. हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र निर्माण हो सके।