Success Story: नौकरी छोड़कर लगाया बड़ा दांव, 5 साल में करोड़ों का टर्नओवर
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 01:28 PM (IST)

नारी डेस्क: कभी-कभी ज़िंदगी में सही फैसले और हौसले की ताकत हमें असाधारण मुकाम तक पहुंचा देती है। ऐसी ही कहानी है दिल्ली की प्रीतिका सिंह की, जिन्होंने सिर्फ 26 साल की उम्र में अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़कर एक नया सफर शुरू किया। कुछ ही सालों में उनका कारोबार करोड़ों की कमाई करने वाला ब्रांड बन गया। आइए जानते हैं कैसे उन्होंने अपने जुनून और मेहनत से सफलता की नई इबारत लिखी।
पिता की सलाह से शुरू हुआ कारोबार
प्रीतिका सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्होंने 26 साल की उम्र में अपनी नौकरी छोड़कर ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। यह फैसला उन्होंने अपने पिता की सलाह और खुद की सोच से लिया। मार्च 2020 में उन्होंने ‘मोह’ नाम से अपना फर्नीचर ब्रांड शुरू किया, जो आज करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा है।
प्रीतिका ने 2012 में मॉडर्न स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के भगत सिंह कॉलेज से 2015 में बी.कॉम किया। 2016 में उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में नौकरी शुरू की, जहां वे एक साल तक काम करती रहीं। बाद में उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से इंटरनेशनल मार्केटिंग में मास्टर्स किया। मार्च 2018 से जनवरी 2020 तक एक अंतरराष्ट्रीय हेल्थकेयर कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी।
प्रीतिका का परिवार बिजनेस से जुड़ा हुआ है, इसलिए उनका मन हमेशा से कारोबार की ओर आकर्षित था। उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर एक ऐसा बिजनेस शुरू किया जो उनके संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सके। इस तरह मार्च 2020 में ‘मोह’ की शुरुआत हुई।
उनका बिजनेस मॉडल बहुत सरल था कम कीमत में अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर बनाना और सीधे ग्राहकों को ऑनलाइन बेचना। शुरुआत में उन्होंने पांच कर्मचारियों की टीम बनाई और अपने पिता की कंपनी के कारपेंटरों की मदद ली।
लॉकडाउन में भी ढूंढ़ा अवसर
जब देश में लॉकडाउन लगा और अधिकांश कारोबार बंद हो गए, तब प्रीतिका ने इसे एक मौका माना। ‘वर्क फ्रॉम होम’ बढ़ने के कारण घर पर काम करने वालों के लिए स्टडी टेबल और डेस्क की जरूरत बढ़ी। उन्होंने तुरंत ‘WFH सीरीज’ के नाम से नए डिजाइन बनाए।
फर्नीचर की तस्वीरें लेना मुश्किल था, इसलिए उन्होंने कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी (CGI) का इस्तेमाल किया और 3D मॉडल वेबसाइट पर अपलोड किए। मई 2020 में उनकी वेबसाइट लाइव हुई और जून में पहला ऑर्डर मिला। यह प्रीतिका के लिए एक बड़ी सफलता थी।
बिना दुकान के करोड़ों का कारोबार
पहले महीने में ही उनकी बिक्री 3.5 लाख रुपये तक पहुंच गई। चार सालों में ‘मोह’ ने 8,000 से ज्यादा फर्नीचर के टुकड़े बेचे और टर्नओवर 3.7 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। उनका कारोबार पूरी तरह ऑनलाइन और ‘मेड-टू-ऑर्डर’ मॉडल पर चलता है, इसलिए उन्हें कोई फिजिकल स्टोर रखने की जरूरत नहीं पड़ी।
आज ‘मोह’ के पास 900 से अधिक उत्पादों की रेंज है। प्रीतिका ग्राहकों को कस्टमाइजेशन का भी विकल्प देती हैं। इसके अलावा, उनका ब्रांड कई बड़े ऑफिस और स्कूलों के फर्नीचर प्रोजेक्ट भी संभालता है।
प्रेरणा देने वाली कहानी
प्रीतिका की सफलता की कहानी नए उद्यमियों के लिए प्रेरणा है कि कैसे कठिनाइयों को अवसर में बदला जा सकता है। उन्होंने नौकरी छोड़कर जोखिम उठाया और मेहनत से सफलता हासिल की। उनकी कहानी बताती है कि सही सोच, सही दिशा और लगन से कोई भी बड़ा सपना सच किया जा सकता है