तुर्की से लेकर जापान तक कैसे कंट्रोल होते हैं स्ट्रीट डॉग्स?
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 02:30 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत में आवारा कुत्तों की समस्या बहुत गंभीर हो चुकी है, खासकर दिल्ली में लगभग 10 लाख से अधिक आवारा कुत्ते सड़कों पर घूम रहे हैं। बढ़ते रेबीज (कुत्तों के काटने से फैलने वाला घातक रोग) के मामलों को देखते हुए भारत की सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत दिल्ली में अगले 8 महीने के अंदर सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें सही तरीके से नियंत्रित करने का आदेश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि दिल्ली में 8 महीने के भीतर आवारा कुत्तों को पकड़कर उनका टीकाकरण, नसबंदी और उचित देखभाल की जाए। कोर्ट का मकसद रेबीज के बढ़ते मामलों को रोकना है ताकि लोग सुरक्षित रहें। लेकिन इस आदेश के बाद से कुछ राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
दुनियाभर में कैसे नियंत्रित किए जाते हैं आवारा कुत्ते?
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में भी आवारा कुत्तों की समस्या है। हर देश ने अपने-अपने तरीके से इनकी संख्या नियंत्रित करने और उनकी देखभाल के लिए नियम बनाए हैं। आइए जानें तुर्की से लेकर जापान तक स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल कैसे होती है।
अमेरिका (USA)
अमेरिका में आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए “Animal Care Centers” जैसी संस्थाएं काम करती हैं। ये संस्थाएं आवारा कुत्तों को शेल्टर होम्स देती हैं, जहां उनका इलाज होता है और उन्हें गोद भी लिया जा सकता है। आवारा कुत्तों को कानूनी सुरक्षा भी प्राप्त होती है, जिससे उनकी देखभाल बेहतर होती है।
ब्रिटेन (UK)
ब्रिटेन में स्थानीय प्रशासन आवारा कुत्तों की देखभाल करता है। यहां साल 2023-24 में लगभग 36,000 आवारा कुत्तों को संभाला गया। आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी, टीकाकरण और उचित देखभाल दी जाती है।
ये भी पढ़े: हाथ-पैरों में दिखें ये लक्षण तो महिलाएं हो जाएं अलर्ट, शरीर का यह अंग हो जाता है खराब
सिंगापुर
सिंगापुर में स्थानीय प्रशासन आवारा कुत्तों पर खास ध्यान देता है। कुत्तों में चिप लगाई जाती है जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सके। कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है। इन्हें शेल्टर होम्स में रखा जाता है और आम लोगों को गोद लेने का भी मौका दिया जाता है।
तुर्की (Turkey)
तुर्की में 2020 तक लगभग 40 लाख आवारा कुत्ते थे। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए संसद में कानून बनाया। इसके बाद कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम्स में रखा गया, नसबंदी और टीकाकरण करवाया गया। इसके साथ ही लोगों को इन्हें गोद लेने का मौका भी दिया गया।
जापान
जापान में भी आवारा कुत्तों की देखभाल लोकल प्रशासन करता है। कुत्तों को शेल्टर होम्स में रखा जाता है, उनका टीकाकरण और नसबंदी की जाती है। इन कुत्तों को गोद लेने का भी प्रावधान है। साथ ही, जापान में अगर कोई कुत्ता बीमार या खतरनाक हो जाता है, तो उसे मारने की भी अनुमति है।
भारत में आवारा कुत्तों की स्थिति
दिल्ली और कई बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा है। ये कुत्ते कभी-कभी लोगों पर हमला कर देते हैं, जिससे रेबीज के मामले बढ़ते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने समयबद्ध तरीके से इन कुत्तों को नियंत्रित करने का आदेश दिया है। सरकार और एनजीओ मिलकर कुत्तों का टीकाकरण, नसबंदी और शेल्टर होम्स की व्यवस्था कर रहे हैं।
दुनिया के कई देशों ने आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने और उनकी देखभाल के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। भारत में भी यह जरूरी है कि हम इस समस्या को सही तरीके से समझें और संयमित समाधान निकालें ताकि मानव और जानवर दोनों सुरक्षित रहें।