इंडियन मैरिज से जुड़े ऐसे Facts जिसे नहीं जानते बहुत से लोग, सुनकर आप भी हो जाएंगे Shocked !

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2023 - 04:01 PM (IST)

शादी एक बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है। मैरिज एक ऐसी सेरेमनी होती हैं जिसे सभी पॉजिटिविटी और अच्छे से मस्ती करके एंजॉय करते हैं। इसके अलावा शादी दो लोगों का बंधन है जिसे बांधने के लिए पूरा परिवार एक साथ आता है। धार्मिक रीति-रिवाजों में पूरा परिवार अच्छी तरह से हिस्सा लेता है। भारतीय शादियां बड़े पैमाने पर भी होती हैं परंतु इन शादियों में ऐसे कई फैक्ट्स होते हैं जिनके बारे में काफी लोगों को जानकारी नहीं होती। आज आपको शादी से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स बताएंगे जिनके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...

इस महीने होती हैं काफी शादियां

भारत में सर्दियों के महीने जैसे नवंबर और फरवरी में लोग काफी शादियां करते हैं। देश में शादियों के लिए यह मौसम बहुत व्यस्त माना जाता है। एक सर्वे की मानें तो साल 2022 में 4 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच भारत में करीबन 32 लाख शादियां हुई थी। 

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कलीरे गिरने की रस्म मानी जाती है शुभ 

उत्तर भारती के दुल्हनें लंबे, लाल और सुनहरे रंग के गहने पहनती हैं। जो उनकी कलाई पर गिर जाते हैं और उनके परिवार, दोस्तों के द्वारा बांधे जाते हैं। इन्हीं गहनों को कलीरा कहा जाता है। यह सिर्फ एक्सेसरीज नहीं बल्कि इनका हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष महत्व माना जाता है। होने वाली दुल्हन कुंवारी लड़कियों के सिर पर हाथ फेरती हैं और हाथ मिलाती हैं। माना जाता है कि जिस पर दुल्हन का कलीरा गिरता है उस लड़की की शादी जल्दी होती है। 

जूता चुराने की रस्म 

इसके अलावा शादी बिना जूता चुराई की रस्म के अधूरी मानी जाती है। माना जाता है कि भारतीय शादी बिना इस रस्म के पूरी नहीं होती। इसके अलावा यह बहुत ही मजेदार और दिलचस्प परंपरा मानी जाती है इस परंपरा में दूल्हन की भाभियां और बहनें इस दिन जूते चुराकर इसके बदले फिरौती की रक्म मांगती हैं। दूल्हा दुल्हन की बहनों को निराश नहीं करना चाहेगा। ऐसे में उसकी दुल्हन की भाभियों और बहनों को इसकी मुंह मांगी कीमत मिलती है। 

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फिश द रिंग की रस्म 

इस रस्म में दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे के साथ कंपीटिशन करते नजर आते हैं। शादी के बाद सबसे मजेदार समारोहों में से एक मानी जाती हैं। ये न सिर्फ दूल्हा, दुल्हन बल्कि बाकी देखने वालों के लिए भी बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं। पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान और कुछ दक्षिण भारत की शादियों सहित भारत के कई सारे हिस्सों में शादी के बाद इस रस्म में दूल्हा-दुल्हन को एक अंगूठी ढूंढने के लिए कहा जाता है। अंगूठी दूध, हल्दी, कुमकुम, गुलाब की पंखुड़ियों से भरे एक बर्तन में छिपी होती है। 

शादी में नहीं पहना जाता काला और सफेद रंग 

भारतीय शादियों में काला और सफेद रंग पहनना भी अशुभ माना जाता है। काला और सफेद रंग शोक का रंग माना जाता है। इसलिए शादी में इसे ना पहनने की सलाह दी जाती है। दूल्हा और दुल्हन को इनमें से कोई भी रंग रस्मों में नहीं पहनना चाहिए। 

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palak

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