100 रोगों का दुश्मन है ये एक पौधा, ताकत के लिए राजा-महाराज भी करते थे इसका इस्तेमाल !

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 01:09 PM (IST)

नारी डेस्क:आंवला, मोरिंगा के बाद आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शतावरी पौधे के लिए अभियान चलाएगा जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि शतावरी (Asparagus Racemosus) एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद में विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य, पाचन और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे"औषधियों की रानी" भी कहा जाता है क्योंकि यह सौ से अधिक बीमारियों को दूर करने में प्रभावी माना जाता। चलिए आज जानते हैं इस पौधा के लाभी और इसके स्थान के बारे में ।

 

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शतावरी पौधा कहां मिलता है?

शतावरी मुख्य रूप से भारत, नेपाल, श्रीलंका और हिमालयी क्षेत्रों  में पाया जाता है।  यह जंगलों, पहाड़ों और समशीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है।  इसे नर्सरी, आयुर्वेदिक स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म(Amazon, Flipkart, Patanjali, Baidyanath आदि)से भी खरीदा जा सकता है। 
गांवों में इसे लोग अपने खेतों में भी उगाते हैं। 

 

महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है शतावरी

महिलाओं के लिए शतावरी वरदान से कम नहीं है यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, शतावरी में फोलेट होता है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे और मां दोनों के लिए लाभकारी है। इससे भ्रूण में पल रहे बच्चे का मानसिक विकास भी बेहतर तरीके से हो सकता है। वहींपीरियड्स की अनियमितता को ठीक करने में भी ह काफी मददगार साबित हो सकता है। इतना ही  नहीं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए दूध उत्पादन को भी बढ़ाता है। 

 

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 पुरुषों के लिए भी फायदेमंद


शतावरी का सेवन करने से पुरुषों का यौन स्वास्थ्य बेहतर होता है। कहा जाता है कि ताकत बढ़ाने के लिए राजा महाराजा भी ऐसे इस जडी बुटी पर भरोसा करते थे। साथ ही शतावरी खाने से पुरुषों का मोटापा कम हो सकता है। शतावरी पुरुषों की प्रजनन क्षमता और स्पर्म काउंट में सुधार कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और ग्लूटाथियोन नामक तत्व होता है, जो बढ़ती उम्र की प्रक्रिया को धीमा करने में आपकी मदद करता है।


अन्य फायदे

जिन लोगों को गैस, अपच और एसिडिटी है उन्हें इस पौधो का सेवन करने की सलाह दी जाती है।  यह पाचन क्रिया को सुधारता है और पेट की सूजन को कम करता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने में भी यह बाफी मददगार है। इसके अलावा यह डायबिटीज को नियंत्रित करता है। मानसिक तनाव और डिप्रेशन कम करता है। सर्दी-खांसी और सांस की बीमारियों में भी बेहद फायदेमंद है।


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इस तरह करें शतावरी का इस्तेमाल

एक चम्मच शतावरी चूर्ण को गुनगुने दूध या शहद के साथ लें। इसे रात में सोने से पहले लेना अधिक लाभकारी होता है। इसके अलावा शतावरी की ताजी जड़ें लें, उन्हें पीसकर छान लें और जूस बना लें। इसे सुबह खाली पेट 10-15ml लें। आयुर्वेदिक दवा कंपनियां (Patanjali, Dabur, Himalaya) शतावरी कैप्सूल बनाती हैं, इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार लें। 

 

 शतावरी का काढ़ा

1 चम्मच शतावरी चूर्ण को 2 कप पानी में उबालें। आधा पानी बचने पर छानकर पिएं। यह गैस, अपच और सर्दी-खांसी में फायदेमंद है। 

इन बातों का रखें ध्यान

ज्यादा मात्रा में शतावरी का सेवन करने से डायरिया या पेट दर्द हो सकता है। किडनी रोग वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।गर्भवती महिलाएं बिना सलाह के इसका उपयोग न करें।

नोट: यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें।


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vasudha

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