मेरे जख्मों का जिम्मेदार वही, जिनके खिलाफ मैंने लिखा दर्द भरा सुसाइड नोट

punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 04:46 PM (IST)

नारी डेस्क: शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को ज्योति ने यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें छात्रा ने दो टीचरों पर गंभीर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

सुसाइड नोट में लिखा  “जिस हाल में मैं हूं, उनमें भी वही होना चाहिए”

गुरुग्राम की रहने वाली ज्योति ने सुसाइड नोट में लिखा, “मैं अब और नहीं जी सकती… महेंद्र सर और शैरी मैम ने मुझे मानसिक रूप से इतना तोड़ा है कि अब कोई रास्ता नहीं बचा। मैं चाहती हूं कि उनके साथ भी वैसा ही हो, जैसा मेरे साथ हुआ।” छात्रा ने यह भी बताया कि उसे झूठे आरोपों के तहत मानसिक दबाव में रखा गया और उसके फर्जी साइन करने की बात कहकर माता-पिता को बुलाने की धमकी दी गई थी।

छात्रों और परिजनों का विरोध प्रदर्शन, यूनिवर्सिटी में हंगामा

घटना के बाद गुस्साए परिजन और साथी छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। मौके पर पुलिस को बुलाया गया और हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। सोशल मीडिया पर छात्रा के समर्थन में कई वीडियो और पोस्ट वायरल हो रहे हैं।

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टीचर्स सस्पेंड, गिरफ्तारी के बाद जांच शुरू

शारदा यूनिवर्सिटी के पीआर डायरेक्टर डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि दोनों आरोपी शिक्षकों  महेंद्र और शैरी  को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही, दो वाइस चांसलर्स की निगरानी में एक हाई लेवल जांच कमेटी बनाई गई है, जो पूरे मामले की बारीकी से जांच करेगी।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के अनुसार, दोनों पर छात्रा को अपमानित करने और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं।

जांच के घेरे में यूनिवर्सिटी का व्यवहार तंत्र

यह मामला अब शिक्षण संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, उनके साथ व्यवहार और आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली की स्थिति पर सवाल खड़े कर रहा है। ज्योति के साथ पढ़ने वाले कई छात्रों ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी में कई बार इस तरह की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है।

 ज्योति की आत्महत्या ने न केवल शिक्षा व्यवस्था, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को भी गहराई से उजागर किया है। अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और क्या शिक्षा संस्थान ऐसे मामलों से सीख लेते हैं या नहीं।

   

 


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Content Editor

Priya Yadav

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