शादी से पहले भी रखा जा सकता है करवा चौथ का व्रत? जानें मान्यताएं और विधि

punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 03:25 PM (IST)

नारी डेस्क : कई लड़कियां शादी से पहले भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिले। यह व्रत आस्था, सच्चे प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत सिर्फ विवाहित महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि कुंवारी कन्याओं के लिए भी शुभ होता है। कहा जाता है कि जिन लड़कियों के विवाह में बाधा आती है या जो अच्छे जीवनसाथी की इच्छा रखती हैं, वे यह व्रत रखकर अपने जीवन में सुखद दांपत्य का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

व्रत रखने की विधि

अविवाहित लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखने की विधि सरल और सहज होती है। वे इस दिन फलाहार रख सकती हैं और आवश्यकता पड़ने पर एक बार पानी पी सकती हैं। उन्हें विवाहित महिलाओं की तरह थाली घुमाने या करवा बदलने की रस्म निभाने की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही, 16 श्रृंगार करना या सुहाग से जुड़ी वस्तुएं जैसे चूड़ा, सिंदूर, बिंदी आदि उपहार में लेना भी आवश्यक नहीं माना जाता। इस व्रत का उद्देश्य सिर्फ दिखावे या परंपरा निभाने से अधिक, मन की श्रद्धा और सच्चे भाव से प्रार्थना करना होता है ताकि उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिले और भविष्य में सुखमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त हो।

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ज्योतिषीय दृष्टि से

ज्योतिष के अनुसार, अविवाहित कन्याओं के लिए करवा चौथ पर पूरा दिन निर्जला व्रत रखना आवश्यक नहीं माना गया है। वे चाहें तो दिन में फल, दूध या हल्का भोजन लेकर भी यह व्रत कर सकती हैं। इस व्रत का मूल उद्देश्य केवल भूखे रहना नहीं, बल्कि मन और आत्मा की शुद्धि के माध्यम से ईश्वर के प्रति अपनी आस्था और समर्पण व्यक्त करना है। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में अच्छे रिश्तों तथा शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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पूजा विधि

करवा चौथ के दिन अविवाहित कन्याएं माता करवा, भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की श्रद्धा पूर्वक पूजा करती हैं। पूजा से पहले माता करवा की कथा सुनना शुभ माना जाता है, जिससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसके बाद दीप जलाकर, जल का अर्घ्य देकर और प्रार्थना की जाती है कि उनके जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मधुर संबंध बने रहें। माना जाता है कि इस पूजा से परिवार में सौहार्द बढ़ता है और मनचाहा जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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व्रत तोड़ने की विधि

करवा चौथ का व्रत समाप्त करने की परंपरा अविवाहित कन्याओं के लिए थोड़ी भिन्न होती है। विवाहित महिलाएं जहां चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं, वहीं अविवाहित लड़कियों को तारों को अर्घ्य देना चाहिए। इसके लिए छलनी का उपयोग अनिवार्य नहीं है। वे सीधे आसमान में तारों को देखकर जल अर्पित कर सकती हैं। ऐसा करने से व्रत पूर्ण माना जाता है और माता करवा से मनोकामना पूर्ति तथा शुभ जीवनसाथी का आशीर्वाद मिलता है।

यह व्रत न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि भविष्य में प्रेम, विश्वास और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना का भी माध्यम है।


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Monika

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