सावन के मंगलवार को कुंवारी कन्याएं करें ये महाउपाय, मां मंगला गौरी विवाह में आ रही बाधाएं करेगी दूर
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 04:24 PM (IST)

सावन में मंगला गौरी व्रत का अत्यंत धार्मिक और पारंपरिक महत्व होता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं और विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है ताकि उन्हें मनचाहा वर, सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य प्राप्त हो। सावन के महीने में मंगला गौरी व्रत और उससे जुड़े कुछ खास उपाय कुंवारी लड़कियों के लिए अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। आज जानिए कुंवारी लड़कियों द्वारा मंगला गौरी के दिन किए जा सकने वाले विशेष और चमत्कारी उपाय जो विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने में सहायक माने जाते हैं।
व्रत रखने वाली महिला या कन्या मंगलवार के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शांत मन से माता गौरी के व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता गौरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। माता पार्वती को जल से स्नान कराएं, फिर वस्त्र और आभूषण अर्पित करें। उन्हें 16 श्रृंगार की चीजें अर्पित करें, दीपक जलाकर मंगलागौरी व्रत कथा सुनें या पढ़ें। माता को फूल, मिठाई और नैवेद्य अर्पित करें ओर फिर "ॐ गौरी शंकराय नमः" या "ॐ पार्वत्यै नमः" मंत्र का जाप करें। अंत में आरती करें और सभी परिजनों के लिए सुख-शांति की कामना करें।
व्रत के लिए पूजन सामग्री
-लाल या गुलाबी फूल
-चावल (अक्षत), रोली, हल्दी, कुमकुम
-मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, सिंदूर (सोलह श्रृंगार की चीजें)
-नारियल, पंचमेवा, मिठाई
-दीपक (घी का) और अगरबत्ती
-16 गांठ मूंग की दाल (या 16 छोटी पूड़ियां – प्रतीकात्मक 16 व्रत)

मंगला गौरी पर कुंवारी कन्याएं करें ये चमत्कारी उपाय
लाल फूल और सिंदूर से करें पूजन: माता गौरी को लाल पुष्प, लाल चूड़ी, सिंदूर और कुमकुम चढ़ाएं। "ॐ उमायै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय विवाह में आ रही देरी को दूर करता है।
गृहस्थी का प्रतीक सौभाग्य सामग्री चढ़ाएं: माता को सोलह श्रृंगार (मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, काजल आदि) अर्पित करें। ये चीजें माता को बहुत प्रिय हैं और इस दिन सौभाग्यवती बनने का आशीर्वाद देती हैं।
कच्चा सूत (मौली) और कलावा बांधें: माता गौरी की मूर्ति के चारों ओर 5 या 7 बार मौली लपेटें। प्रार्थना करें कि विवाह संबंधी सभी बाधाएं दूर हों।
बुरे ग्रह दोष से बचने के लिए करें बेलपत्र अर्पण: वलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें और माता गौरी से वर प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। साथ ही “ॐ गौरी पतये नमः” का 108 बार जाप करें।
गुप्त रूप से करें दीपदान: मंगलवार की रात को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय विवाह के योग को शीघ्र बनाता है।
मंगला गौरी का व्रत रखने का लाभ
यह व्रत रखने से मंगल दोष या कुंडली की बाधा शांत होती है, इससे मनचाहा योग्य वर मिलने के योग बनते हैं। इस व्रत को रखने से मन को संतोष और आत्मबल मिलता है। ध्यान रखें कि व्रत के दिन झूठ न बोलें, क्रोध और कटु वचन से बचें। इस दिन किसी विवाहित महिला का आशीर्वाद लेना विशेष शुभ माना जाता है।