जिसके नाम से फेमस हुआ HairCut, कई हिट फिल्में दी लेकिन खुद को मिली गुमनामी और अकेलेपन की मौत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 14, 2021 - 01:05 PM (IST)

मायानगरी एक ऐसी नगरी है, जहां रातों-रात लोगों की किस्मत चमकी भी है और बर्बाद भी हुई है। अपने समय में राज करने वाले कई सितारे गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं और कुछ इतना नाम कमाने के बाद भी आखिरी समय बेहद दुखभरी हालत में रहे। 60 के दशक की बात करें तो इसे बॉलीवुड का 'गोल्डन एरा' माना जाता है और इसे गोल्डन बनाने का काम कई नामी सितारों ने जिसके एक नाम साधना शिवदसानी का भी था। लोग उन्हें साधना के ही नाम से जानते हैं। अपने जमाने की ऐसी अदाकारा जिनके नाम से हेयर स्टाइल नेम भी फेमस हैं या यूं कहे कि उस हेयरस्टाइल की जन्मदाता ही वो थी जी हा साधना हेयरकट जो बहुत फेमस हुआ था। साधना अपनी एक्टिंग से ज्यादा अपने हेयर और ड्रेसिंग स्टाइल के लिए लाइमलाइट में रहती थी। ये वो ही दौर था जब सिर्फ हीरो के स्टाइल को ही पॉपुलैरिटी मिलती थी।

चूड़ीदार सलवार का फैशन मशहूर करने का श्रेय भी साधना को ही जाता है। उनका हेयर स्टाइल साधना कट नाम से आज भी मशहूर है लेकिन इस हेयरकट के पीछे की कहानी बड़ी मजेदार है दरअसल, साधना ने अपनी कमी छिपाने के लिए इस स्टाइल को इजाद किया था।
दरअसल, जब साधना ने फिल्म ‘लव इन शिमला’ साइन की तब उनके डायरेक्टर आर.के नैयर को उनका चेहरा थोड़ा अजीब लग रहा था। नैयर का कहना था कि साधना का ललाट यानि फोरहैड बहुत बड़ा है। उन्होंने अपनी पसंदीदा हॉलीवुड एक्ट्रेस ऑड्रे हेपबर्न की देखा-देखी साधना के बाल भी वैसे ही करवा दिए। उन्हीं के कहने पर साधना के उंचे ललाट को छुपाने के लिए उनके थोड़े बाल माथे पर बिखेर दिए गए हालांकि कि सब को डर था कि पता नहीं लोग ऐसी हेयरस्टाइल वाली लड़की को पसंद करेंगे भी की नहीं लेकिन फिल्म रिलीज़ हुई और सुपरहिट हो गई और यह हेयरस्टाइल साधना का पहचान बन गई।

PunjabKesari

आज भले ही साधना की फिल्में किसी ने याद रखी हो या ना लेकिन उनके गाने ‘लग जा गले’, ‘झुमका गिरा रे’, ‘गुमनाम है कोई’ आज भी रीमेक करके दोबारा बेचे जा रहे हैं। एक ऐसी एक्ट्रेस जो हर हीरो के साथ जंच जाती थी। इंडस्ट्री में इतना नाम कमाने वाली साधना का आखिरी समय बेहद दुखों में बिता चलिए आज के इस पैकेज में साधना शिवदसानी के जीवन की ही कुछ अनसुनी बातें आपको बताते हैं। 2 सिंतबर 1941 को पकिस्तान के कराची में पैदा हुई साधना को 'साधना' नाम भी बेहद फिल्मी तरीके से ही मिला। सिंधी परिवार में पैदा साधना के घर का माहौल शुरू से ही फिल्मी था। पूरा परिवार फिल्मों का दीवाना था। उनका खुद का नाम भी पापा की पसंदीदा एक्ट्रेस और डांसर साधना बोस के नाम पर रखा गया था।

 

शायद आपको पता ना हो कि साधना के पिता मशहूर एक्टर करीना-करिश्मा कपूर की मां बबीता के पिता हरी शिवदसानी के बड़े भाई थे। यानि साधना बबीता की कजिन सिस्टर थी। इस तरह रिश्ते में वह करिश्मा करीना की मासी लगती थीं। बचपन से ही एक्टिंग का शौक रखने वाली साधना ने करियर की शुरुआत बचपन में ही कर ली थी। वह 1955 में आई राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में नज़र आईं थी उन्होंने फिल्म के एक गाने ‘इचक दाना बिचक दाना’ गाने मे नर्गिस के पीछे बच्चों की जमात में बैठ ‘इचक दाना…’ में कोरस गाया था। इस फिल्म के लिए राज कपूर को कुछ बच्चों की जरुरत थी। कुछ लोग साधना के पिता को जानते थे इसलिए उन्हें भी उन बच्चों में शामिल कर लिया गया।

PunjabKesari

बड़े होकर एक्टिंग ही करनी थी इसलिए साधना कॉलेज के दिनों से ही थिएटर करतीं थी। ऐसे ही किसी शो के दौरान उन्हें सिंधी फिल्मों के किसी डायरेक्टर ने देखा और साल 1958 में साधना को पहली फिल्म (सिंधी) ‘अबाना’ के लिए साइन कर लिया गया। इस फिल्म के लिए उन्हें महज एक रुपए का टोकन अमाउंट दिया गया था। इसी फिल्म की पब्लिसिटी के लिए मैग्जीन कवर पर इनकी फोटो छपी थी जो तब के मशहूर प्रोड्यूसर सशधर मुखर्जी को दिख थी उन्हें साधना का चेहरा भा गया और उन्होंने अपने एक्टिंग स्कूल में एडमिशन करवाया। साधना को पहला मौका भी मुख़र्जी ने ही अपनी फिल्म ‘लव इन शिमला’ में दिया। इस फिल्म के हीरो सशधर मुख़र्जी के बेटे जॉय मुख़र्जी थे। इस फिल्म के डायरेक्टर आर.के नय्यर थे जिसके साथ ही साधना ने साल 1966 में शादी की थी।

 

साधना की राम कृष्‍ण नय्यर से पहली मुलाकात फिल्म के सेट पर ही हुई थी। उस समय साधना सिर्फ 16 साल की थीं और नय्यर 22 साल के। इसलिए पैरेंट्स उनकी शादी को तैयार नहीं थे लेकिन राज कपूर की मदद से दोनों की शादी हो पाई। साधना खूबसूरत और टैलेंटड अभिनेत्री थीं उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी लेकिन लगातार का करने की वजह से साधना बीमार रहने लगी थीं। उन्हें थायराइड की बीमारी हो गई थी। वह इलाज करवाने अमेरिका भी गईं लेकिन लोगों को लगा कि साधना अब फिल्में से रिटायर हो गई हैं। वापिस आने पर साधना ने फिर शुरूआत की और फिल्म इंतकाम’ में नजर आई जो हिट रही उसके बाद एक फूल दो माली आई वो भी हिट रही। इसके बाद वह फिल्म मेरे महबूब में नजर आई उनके ऑपोजिट राजेंद्र कुमार थे फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई।

PunjabKesari

1995 में साधना के पति नय्यर के निधन हो गया था। उनके कोई बच्चा भी नहीं था। पति के जाने के बाद साधना अकेली रह गईं थी। फिर अचानक साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया। धीरे-धीरे साधना फिल्मों से दूर हो गई । उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक खिंचवाना बंद कर दिया। जिंदगी के आखिरी दिनों में साधना गुमनामी में दिन काटे। उनका कोई अपना करीबी नहीं था और भले ही वह बबीता की कजिन बहन थी लेकिन आखिरी वक्त में वह भी उनके साथ नहीं थी। गिरती सेहत के बीच वह बाकी कानूनी कामों को संभाल नहीं पा रही थीं, जिसके चलते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया। इस बारे में उन्होंने खुद 2015 में तबस्सुम को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें मुसीबत आई और लोगों के सहारे की जरूरत महसूस हुई तो वो फिल्म इंडस्ट्री भी पीछे हट गई। इतनी मशहूर अदाकारा ने अपना आखिरी समय गुमनामी और अकेलेपन में काटा। इंडस्ट्री में कोई उन्हें संभालने वाला नहीं था। ऐसे कलाकारों का ऐसा हश्र देख दुख होता है। 25 दिसंबर 2015 को वह दुनिया से अलविदा कह गईं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static