सब्यसाची का साड़ी विवाद,महिलाएं क्या पहने ये उनका अधिकार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 05:03 PM (IST)

देश के जाने माने फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने भारतीय महिलाओं और साड़ी पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर उठे विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि  बेवजह इसे मुद्दा बना कर तूल दिया जा रहा है। आपको बता दें कि मुखर्जी ने उक्त टिप्पणी हार्वर्ड इंडिया सम्मेलन में की थी। उनसे महिलाओं को साड़ी बांधने में होने वाली दिक्कतों के बारे में सवाल किया गया था। जिस पर उन्होंने टिप्पणी की थी  कि ‘यह परिधान हमारे इतिहास और विरासत का परिचायक है। 
 

एक साक्षात्कार में सब्यसाची ने बताया, 'परिधान के इतिहास और विरासत पर की गई इस टिप्पणी का उद्देश्य कुछ और था और इसे लेकर नारीवाद पर बहस शुरू हो गई। चूंकि सवाल साड़ी के बारे में था इसलिए इसमें महिलाएं शामिल थीं।' उन्होंने बताया, पुरूषों की राष्ट्रीय पोशाक के बारे में भी मेरा यही रूख है। मैंने किसी महिला की पसंद के बारे में कोई भी बयान नहीं दिया है। वह जो पहनना चाहती हैं यह उनका विशेषाधिकार है।   
 

गौरतलब है कि शनिवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि अगर आप मुझसे कहती हैं कि मुझे साड़ी पहननी नहीं आती तो मैं कहूंगा कि आपको शर्म आनी चाहिए। यह आपकी संस्कृति का हिस्सा है, आपको इसके लिए आगे आना चाहिए।'  उन्होंने कहा था ,'महिलाएं और पुरूष वैसा दिखने के लिए जीतोड़ कोशिश करते हैं जैसे वे वास्तव में नहीं हैं। आपका परिधान दरअसल आपके व्यक्तित्व ,आपके माहौल और आपकी जड़ों से जुड़ा होना चाहिए।' इसी कार्यक्रम में अपनी एक और टिप्पणी में फैशन डिजाइनर ने भारतीय महिलाओं को इस बात का श्रेय भी दिया था कि उन्होंने साड़ी को एक परिधान के तौर पर जीवित रखा है लेकिन साथ ही यह भी कहा कि 'धोती का रिवाज अब समाप्त हो गया है।'
 

इस विवाद के बाद आने वाली औरतों की प्रतिक्रिया पर उनका कहना है कि महिलाएं जो चाहें वह पहन सकती हैं। यह उनका अपना विचार है। 

 

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