गले में इंफेक्शन हो सकता है शिशु की तेज सांसों का कारण, जानें इलाज
punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2024 - 04:51 PM (IST)
नवजात शिशु बहुत ही कमजोर होते हैं और उनका इंफेक्शन के चपेट में आना या बीमार होने ऐसे बदलते मौसम में संभव है। इसी तरह कई बार शिशु सोते हुए बहुत ही तेजी से सांस लेते हैं, जो देखकर पैरेंट्स घबरा जाते हैं। पैरेंट्स को चिंता रहती है कि ये कोई गंभीर बीमारी का इशारा तो नहीं है। शिशु के फेफड़े छोटे होते हैंं इसलिए वो जल्दी- जल्दी सांस लेते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो नवजात शिशु का ब्रीदिंग रेट एक एडल्ट के मुकाबले 3 गुना ज्यादा होता है। लेकिन फिर भी आपको लगता है कि शिशु की सांसे बहुत ज्यादा गहरी हैं तो ये कारण हो सकते हैं...
शिशु के तेज सांस लेने के कारण
1.जब शिशु की सांस तेज चलने लगे और पेट की मांसपेशियों में ज्यादा हलचल महसूस हो, तो डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाएं। कई बार ऑक्सीजन अंदर न पहुंच पाने के कारण सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।
2.फेफड़ों से जुड़े रोगों में भी शिशु को सांस लेने की तकलीफ महसूस हो सकती है।
3.नाक में म्यूकस जमा होने के कारण भी शिशु को सांस लेने में समस्या या तेज सांस लेने की समस्या हो सकती है।
4. गले में इंफेक्शन कारण शिशु की सांस तेज चल सकती है।
5. सर्दी-जुकाम होने पर भी शिशु की सांस तेज चल सकती है।
शिशु की सांस तेज चलने पर क्या करें?
तेज सांस लेने की समस्या होने पर डॉक्टर शिशु को एंटीबायोटिक दे सकते हैं। इंफेक्शन के कारण तेज सांस लेने की समस्या (breathing problem) हो सकती है। शिशु के जन्म के 5 से 6 घंटे के भीतर ही उसकी जांच करनी चाहिए। अगर शिशु की श्वसन दर को लेकर चिंता हो रही है, तो आप डॉक्टर की सलाह लें और जांच करवाएं। कई बार शिशु को दूध पिलाने के बाद अपच की सस्या हो जाती है। इस कारण से भी शिशु तेज सांस ले सकता है। तेज सांस लेने के लक्षण नजर आने पर आप शिशु की पीठ थपथपाएं और शिशु को सही पोजिशन में रखें। इससे शिशु का ब्रीदिंग पैर्टन नॉर्मल हो जाएगा।
शिशु का पल्स रेट चेक करें
नवजात शिशुओं की बीट्स एक मिनट में 160 होती है। एक्टिव होने पर बीट्स थोड़ी बढ़ सकती हैं। आपको लग रहा है कि शिशु तेज सांस ले रहा है, तो शिशु का पल्स रेट (pulse rate) चेक करें। अगर शिशु का पल्स रेट अनियमित है, तो बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं। आप बच्चे की कलाई पर उंगली रखकर एक मिनट में उसकी पल्स रेट चेक कर सकते हैं।
शिशु की श्वसन दर चेक करें
आपको इस बात पर गौर करना चाहिए कि शिशु की छाती एक मिनट में कितनी बार उठ रही है। इसे चेक करने के लिए आप अपने हाथ को हल्के से शिशु की छाती पर रखें। इससे आपको पता चलेगा कि शिशु कितनी बार सांस ले रहा है। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि शिशु की छाती पर तेज हाथ न रखें।