रतन टाटा के जिगरी यार शांतनु नायडू को मिली बड़ी जिम्मेदारी, अपने दोस्त के बाद रह गया था बिल्कुल अकेला
punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2025 - 06:02 PM (IST)
नारी डेेस्क: दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा ने जब दुनिया को अलविदा कहा तो उनका खास दोस्त बेहद अकेला रह गयाथ। हम बात कर रहे हैं टाटा के साथ साये की तरह रहने वाले शांतनु नायडू की जो आखिरी वक्त तक अपने दोस्त के साथ ही रहा। अब उन्हें जब एक बेहद बडी जिम्मेदारी मिली तो खुशी के साथ- साथ उन्हें इस मौके पर रतन टाटा के ना होने का गम भी सताया।
दरअसल शांतनु को टाटा ग्रुप की ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर और स्ट्रैटजिक इनिशिएटिव्स का प्रमुख बनाया गया है। इस नई जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने LinkedIn पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय टाटा ग्रुप और अपने पिता को दिया। नायडू ने लिखा- “मुझे ये बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि मैं टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर, हेड - स्ट्रेटेजिक इनिशिएटिव्स के रूप में नई भूमिका शुरू कर रहा हूं! मुझे याद है जब मेरे पिता सफेद शर्ट और नेवी ब्लू पैंट पहनकर टाटा मोटर्स प्लांट से घर आते थे, और मैं खिड़की से उनका इंतजार करता था। जिंदगी जहां से चली थी फिर वहीं आ गई।'
शांतनु रतन टाटा के निजी सचिव हैं रह चुके हैं। रतन टाटा ने खुद शांतनु को फ़ोन कर कहा था कि आप जो करते हैं मैं उससे बहुत प्रभावित हूं, क्या मेरे असिस्टेंट बनोगे। शांतनु और टाटा कई सालों से एक साथ काम कर रहे हैं।उम्र के अंतर के बावजूद दोनों की बॉन्डिंग काफी अच्छी थी। यह दोनों मिलकर सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त आवारा पशुओं की मदद के लिए काम करते हैं। कहा जाता है कि रतन टाटा अपना पर्सनल निवेश जिन स्टार्टअप्स में करते हैं, उनके पीछे शांतनु का दिमाग होता था।
कहा तो यह भी जा रहा है कि शांतनु ने ही रतन टाटा को सोशल मीडिया से परिचित कराया था। उन्हें हैशटैग, ट्रेंड और इमोजी के बारे में सब कुछ सिखाया। अपनी किताब I Came Upon a Lighthouse में नायडू ने रतन टाटा के साथ अपनी दोस्ती के बारे में लिखा है। वहीं जब उनके दोस्त का निधन हुआ तो वह बिल्कुल टूट गए थे।