सूजी आंखें, लाल मुंह...देख रोने लगे भक्त,आखिर कौन-सी बीमारी से जूझ रहे हैं प्रेमानंद जी?

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 10:57 AM (IST)

नारी डेस्क:  वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों गंभीर रूप से बीमार हैं। उनके एक हालिया वीडियो ने लाखों भक्तों को भावुक कर दिया है। इस वीडियो में महाराज जी की आंखें सूजी हुई हैं, चेहरा लाल दिखाई दे रहा है और आवाज कांप रही है। फिर भी, वे भक्तों को प्रवचन दे रहे हैं। उनकी कमजोरी और थकान स्पष्ट नजर आ रही है, लेकिन उनके चेहरे पर भक्ति और दृढ़ता की झलक अब भी बरकरार है।  इन दिनों एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके अनुयायियों और भक्तों में इस खबर ने चिंता की लहर दौड़ा दी है। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन-सी बीमारी उन्हें प्रभावित कर रही है और उनकी सेहत के बारे में अपडेट क्या है।

वीडियो में महाराज जी कहते हैं 

“यह हमारा अभ्यास बन चुका है। हम कितने भी कष्ट में क्यों न हों, यह अभ्यास नहीं छूटता। जब तक हम अपने आराध्य को याद नहीं कर लेते, हमें चैन नहीं पड़ता। ईश्वर आपका श्रम देखकर खुश होते हैं, कामचोरी देखकर नहीं।” इन शब्दों ने भक्तों के दिलों को छू लिया। कई लोगों ने कमेंट में लिखा कि महाराज जी का चेहरा देखकर मन भर आया, और कहा  “महाराज जी, कृपया थोड़ा आराम कीजिए, आपकी तबीयत देखकर आंखें नम हो जाती हैं।”

किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं महाराज जी

प्रेमानंद महाराज लगभग 18 साल से एक गंभीर किडनी रोग से जूझ रहे हैं। उन्हें ऑटोसोमल डॉमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (ADPKD) नाम की बीमारी है। यह एक अनुवांशिक (जेनेटिक) बीमारी होती है, जिसमें किडनी में धीरे-धीरे सिस्ट यानी गांठें बनने लगती हैं। इन गांठों की वजह से किडनी की कार्यक्षमता कम होने लगती है और समय के साथ किडनी पूरी तरह खराब हो सकती है। इसी कारण अब महाराज जी को डायलिसिस पर रखा गया है, क्योंकि उनकी दोनों किडनियां अब सही से काम नहीं कर पा रही हैं।

ADPKD क्या है और यह कैसे फैलती है?

ADPKD एक जेनेटिक रोग है, जो अक्सर परिवार के माध्यम से अगली पीढ़ी तक पहुंचता है। अगर माता या पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो उनके बच्चों को इसके होने की 50 प्रतिशत संभावना रहती है। इस बीमारी का कारण जीन्स में गड़बड़ी होता है। इसके अलावा, खराब जीवनशैली, असंतुलित खान-पान, धूम्रपान, शराब का सेवन और कम पानी पीना जैसी आदतें भी इस बीमारी को बढ़ावा देती हैं

कौन-सी बीमारी से जूझ रहे हैं प्रेमानंद जी महाराज?

महाराज जी Polycystic Kidney Disease (PKD) नामक बीमारी से पीड़ित हैं। यह एक जन्मजात (जेनेटिक) बीमारी है, जिसमें किडनी के अंदर छोटे-छोटे पानी भरे थैले (सिस्ट) बनने लगते हैं। धीरे-धीरे ये सिस्ट बढ़ते जाते हैं और किडनी का आकार और वजन दोनों बढ़ा देते हैं, जिससे उसका काम यानी खून साफ करने की क्षमता कम हो जाती है

 डॉक्टर बोले – “सिर्फ दो साल की जिंदगी बची थी”

महाराज जी के करीबी ने बताया कि एक बार महाराज जी को पेट में दर्द की शिकायत हुई थी। जांच कराने पर डॉक्टरों ने कहा कि दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और उनके पास सिर्फ दो से ढाई साल की जिंदगी बची है। लेकिन प्रेमानंद जी ने इस खबर को भगवान की इच्छा मानकर स्वीकार किया। उन्होंने कहा “जीवन में जो भी होता है, वह मेरे प्रभु की मर्जी से होता है।

दोनों किडनियां डायलिसिस पर

महाराज जी पिछले करीब 20 सालों से डायलिसिस पर हैं। वे नियमित रूप से इलाज लेते हैं लेकिन अपनी साधना और प्रवचन जारी रखते हैं। महाराज जी ने अपनी दोनों किडनियों को नाम भी दिए हैं  “एक का नाम राधा और दूसरी का कृष्ण रखा है।” उनके भक्त कहते हैं कि यह भक्ति और सकारात्मक सोच की मिसाल है, जिससे वे आज भी मानसिक रूप से मजबूत हैं।

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बीमारी के बावजूद हमेशा सकारात्मक सोच रखी

डॉ. कहते हैं कि प्रेमानंद जी की सकारात्मक सोच और भक्ति भावना ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। “जब उन्हें बताया गया कि वे ज्यादा दिन नहीं जी पाएंगे, तो उन्होंने डरने की बजाय भक्ति को और गहरा कर लिया।” वह मानते हैं कि मन की शक्ति और विश्वास, किसी भी बीमारी से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज क्या है?

यह बीमारी जेनेटिक (वंशानुगत) होती है। अगर माता या पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो बच्चे में इसके होने की संभावना लगभग 50 प्रतिशत होती है।इस बीमारी में किडनी के अंदर बनने वाले सिस्ट धीरे-धीरे इतने बढ़ जाते हैं कि 

डायलिसिस कैसे काम करता है?

डायलिसिस एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें शरीर से खून निकाल कर मशीन के माध्यम से साफ किया जाता है और फिर इसे दोबारा शरीर में डाला जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब किडनी अपनी सफाई की प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं कर पाती। आमतौर पर यह प्रक्रिया हफ्ते में दो से तीन बार की जाती है और हर बार लगभग चार घंटे का समय लगता है। डायलिसिस किडनी को ठीक नहीं करता, बल्कि उसकी जगह अस्थायी रूप से शरीर के अपशिष्ट को बाहर निकालने का काम करता है।

बीमारी से जुड़ी जटिलताएं और खतरे

ADPKD के चलते कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि किडनी में बने सिस्ट का फटना या उनसे खून बहना, बार-बार यूरिन इंफेक्शन होना, किडनी स्टोन बनना और किडनी के आसपास दबाव बढ़ना। साथ ही, इस बीमारी से ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। किडनी का आकार सामान्य से कई गुना बढ़ जाता है। पेशाब में खून आना या बार-बार इंफेक्शन होना शुरू हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर, पीठ में दर्द और पेट फूलना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। धीरे-धीरे किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी बीमारी या इलाज के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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