गर्भनाल करेगी Corona से शिशु का बचाव, प्रेग्नेंट महिला पहले ही बना सकती है एंटीबॉडी
punjabkesari.in Friday, Feb 05, 2021 - 02:08 PM (IST)
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बनने वाली गर्भनाल गर्भाश्य और शिशु को एक साथ जोड़ती है। गर्भनाल से जरिए सभी पौष्टिक चीजें अजन्में बच्चे को मिलती है। मगर, हाल ही में एक शोध में सामने आया है कि गर्भनाल शिशु को कोरोना वायरस से भी बचा सकती है। दरअसल, एक रिसर्च में दावा किया गया है कि प्रेगनेंसी में महिलाएं पहले ही एंटीबॉडी विकसित करके बच्चे को वायरस से बचाती है।
अजन्में बच्चे को वायरस से बचाएगी एंटीबॉडी
अध्ययन के मुताबिक, प्रेगनेंसी में कोरोना संक्रमित महिलाएं प्लेसेंटा के जरिए अजन्मे बच्चे को एंटीबॉडी ट्रांसफर करके वायरस से उनकी हिफाजत कर सकती हैं। इसके लिए 1,470 प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्लड सैंपल की जांच की गई है, जिसमें करीब 83 नई माओं में कोरोना एंटीबॉडी होने का पता चला। वहीं, 87% शिशुओं में गर्भनाल के जरिए एंटीबॉडी विकसित हो चुकी थी।
शोध से मिलेगी प्रेगनेंसी वैक्सीन ट्रायल में मदद
हालांकि नवजात शिशु में एंटीबॉडी विकसित होना उसकी प्रकृति, एंटीबॉडी के प्रकार, उसकी मात्रा पर निर्भर करती है, जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में मौजूद होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रेगनेंसी में मां के शरीर में उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी से शिशु में SARS-CoV-2 से संरक्षण मिलता है। इस शोध से वैज्ञानिकों को प्रेगनेंसी में कोरोना वैक्सीन ट्रायल में मदद मिलेगी।
शिशु को नहीं रहता इंफेक्शन का खतरा
आईजीजी (Immunoglobulin G) एक ऐसी एंटीबॉडी है जो महिला के गर्भनाल खून में मौजूद होती है। इससे शरीर कई तरह के इंफेक्शन से बचा रहता है। रिसर्च में, डिलीवरी के समय 1,471 महिलाओं (6%) में से 83 में IGG मिला है। वहीं, 87% नवजात में से 72 में IGG पाया गया।
बच्चे की हालत गंभीर होने का खतरा कम
जिन महिलाओं में IGG का स्तर कम होने के कारण एंटीबॉडी नहीं बनी उन शिशु में भी एंटीबॉडी का टेस्ट नेगेटिव आया। गर्भनाल में मौजूद IGG पहली ऐसी एंटीबॉडी है जो भ्रूण को वायरस से बचाती है। वहीं, गर्भनाल से ही शिशु को सभी जरूरी तत्व मिलते हैं और उनकी हालत गंभीर होने का खतरा भी कम रहता है।