Pitru Paksha 2024: आज सर्व पितृ अमावस्या, ये 5 गलतियां बन सकती हैं आपके लिए मुसीबत!

punjabkesari.in Wednesday, Oct 02, 2024 - 01:20 PM (IST)

नारी डेस्कपितृ पक्ष का पर्व भारतीय सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व 16 दिनों तक चलता है और इसमें हम अपने दिवंगत पितरों और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और दानपुण्य करते हैं। इस वर्ष, सर्व पितृ अमावस्या का दिन आज, 2 अक्टूबर 2024, को है। यह दिन पितृ पक्ष की समाप्ति का प्रतीक है और इस दिन विशेष रूप से पितरों को तर्पण देने की परंपरा का पालन किया जाता है।

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व

सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों को तर्पण देना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, क्योंकि कुछ गलतियां पितृदोष का कारण बन सकती हैं। इसलिए, इस दिन को सही तरीके से मनाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है।

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भूल से भी न करें ये गलतियां

तामसिक भोजन का सेवन  

सर्व पितृ अमावस्या के दिन तामसिक या अशुद्ध भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन सभी परिवार के सदस्यों को शाकाहारी और शुद्ध भोजन का पालन करना आवश्यक है। शराब और मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना पितृदोष का कारण बन सकता है। इसलिए, इस विशेष अवसर पर स्वास्थ्य और धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए पवित्र आहार को ही सेवन करना महत्वपूर्ण है।

किसी का अपमान करना

सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान करने से बचना चाहिए। यह न केवल इस दिन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे पितृ पक्ष में किसी के प्रति अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना पितृदोष का कारण बन सकता है। इस अवसर पर सकारात्मकता बनाए रखना और दूसरों के प्रति सम्मान दर्शाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि हम अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकें।

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लड़ाई-झगड़ा करना

सर्व पितृ अमावस्या के दिन शांति बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन किसी के साथ भी विवाद में नहीं पड़ना चाहिए और लड़ाई-झगड़े से दूर रहना चाहिए। सहजता से दिन बिताने और सकारात्मकता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि इस विशेष अवसर पर शांति और समर्पण का माहौल बना रहे। इस तरह, हम अपने पितरों को सम्मानित कर सकते हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।

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सुबह में देर तक सोना 

सर्व पितृ अमावस्या के दिन सुबह देर तक सोना उचित नहीं है। इस दिन जल्दी उठकर स्नान करना और भगवान की उपासना करना चाहिए। यह नियम केवल इस दिन के लिए नहीं, बल्कि हर दिन का अनुसरण करना चाहिए, जिससे घर में बरकत बनी रहे। नियमित रूप से इस प्रथा का पालन करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि भी लाता है।

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अनैतिक कार्य करना

सर्व पितृ अमावस्या के दिन अनैतिक कार्य करने से बचना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से ध्यान रखना आवश्यक है कि किसी भी जीव को दुःख न पहुंचाया जाए, क्योंकि ऐसा करने से पितृदोष लग सकता है। यह अवसर पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए समर्पित है, इसलिए हमें अपने आचार-विचार में शुद्धता और नैतिकता बनाए रखनी चाहिए, ताकि हम अपने पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त कर सकें।

पितृ पक्ष का भावार्थ

पितृ पक्ष का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि हमें अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति देने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही, यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाएं और दूसरों के प्रति सद्भावना रखें। 

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सर्व पितृ अमावस्या के दिन की गई गलतियां हमें न केवल मानसिक, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, इस दिन को ध्यानपूर्वक मनाने से हम अपने जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इस विशेष दिन पर अपने पितरों को याद करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। 


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Content Editor

Priya Yadav

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