शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर PCOS का क्या असर पड़ता है? जानें बचाव के तरीके
punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 01:58 PM (IST)
नारी डेस्क: पीसीओएस हार्मोनल इंबैलेंस के कारण होने वाली एक समस्या है, जो महिलाओं को कई तरह की परेशानियां एक साथ दे सकती है। इसके कारण पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं, चेहरे पर एक्ने और फेशियल हेयर बढ़ सकते हैं, वजन बढ़ने लगता है और मूड स्विंग्स भी काफी बढ़ जाते हैं। अगर समय रहते पीसीओएस का इलाज न किया जाए, तो भविष्य में डायबिटीज और सिस्ट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या केवल रिप्रोडक्टिव सिस्टम (reproductive system) तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसका असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। आइए जानते हैं कि PCOS का शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर क्या असर पड़ता है।
थायराइड ग्लैंड (Thyroid Gland)
पीसीओएस का असर थायराइड ग्लैंड पर भी पड़ता है। ऐसे में हाशिमोटो थायरॉयडिटिस और हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसके कारण मेटाबॉलिज्म स्लो रहता है, थकावट और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। हार्मोन इंबैलेंस होने के कारण थायराइड फंक्शन स्लो हो जाता है। इसे कंट्रोल रखने के लिए डाइट में सेलेनियम, जिंक और आयोडीन भी एड करना चाहिए।
दिल पर असर (Cardiovascular System)
PCOS से प्रभावित महिलाओं में ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का लेवल बढ़ सकता है। यह हृदय रोगों (Heart diseases) का खतरा भी बढ़ा सकता है। अगर PCOS का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
नर्वस सिस्टम (Nervous System)
PCOS का मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो सकता है। हार्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाओं में चिंता (Anxiety), अवसाद (Depression) और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। शरीर में होने वाले बदलाव और स्वास्थ्य समस्याएं मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।
रिप्रोडक्टिव सिस्टम (Reproductive System)
PCOS का सबसे बड़ा असर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर होता है। इसमें अंडाशय में छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो अंडों की सही तरीके से विकास को प्रभावित करते हैं। इस वजह से महिलाओं में अंडोत्सर्ग (ovulation) का अभाव हो सकता है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ ही, पीरियड्स भी अनियमित हो सकते हैं और कभी-कभी पूरी तरह से बंद भी हो सकते हैं।
इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance)
PCOS से प्रभावित महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) की समस्या हो सकती है। इसका मतलब है कि शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ सकता है। यह डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। समय पर इलाज और सही आहार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
PCOS शरीर के विभिन्न हिस्सों पर असर डाल सकता है, जैसे रिप्रोडक्टिव सिस्टम, त्वचा, मानसिक स्वास्थ्य, और वजन। हालांकि, इसका इलाज संभव है।