सुकून की नींद चाहिए तो बच्चों को अपने साथ ही सुलाएं पेरेंट्स, Family Bed Sharing के हैं कई फायदे
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 11:05 AM (IST)

नारी डेस्क: परिवार के साथ, खासकर माता-पिता और बच्चे का साथ सोना (Co-sleeping या Family Bed Sharing) भारत जैसी परंपराओं में आम रहा है। परिवार के साथ सोना बच्चों के लिए सुरक्षा, माता-पिता के लिए सुकून और सबके लिए प्यार और अपनापन बढ़ाने वाला होता है लेकिन साथ ही यह भी जानना ज़रूरी है कि कितने साल तक बच्चे को माता-पिता के साथ सोना चाहिए।

परिवार के साथ सोने के फायदे
सुरक्षा का अहसास: बच्चा माता-पिता के पास रहकर सुरक्षित और निडर महसूस करता है।
बेहतर नींद: बच्चे को रात में डर या अकेलेपन की वजह से बार-बार उठना नहीं पड़ता।
मजबूत भावनात्मक रिश्ता: साथ सोने से माता-पिता और बच्चे के बीच बॉन्डिंग मज़बूत होती है।
स्तनपान में सुविधा: छोटे बच्चों के लिए मां के पास रहना रात में दूध पिलाने में आसान बनाता है।
तनाव कम होना: माता-पिता को भी यह सुकून रहता है कि बच्चा पास में है।
कितने साल तक सोना चाहिए बच्चे के साथ?
विशेषज्ञ (WHO, American Academy of Pediatrics) मानते हैं कि बच्चे को मां-बाप के कमरे में ही सुलाना चाहिए लेकिन उसी बिस्तर पर नहीं, बल्कि अलग पालने (Crib) में। इससे अचानक शिशु मृत्यु (SIDS) का खतरा कम होता है। 6 महीने से 2 साल तक बच्चे को माता-पिता के साथ एक ही कमरे में रखना अच्छा है। इससे बच्चा सुरक्षित महसूस करता है। 2 साल से 5 साल तक के बच्चे माता-पिता के साथ ही सोना पसंद करते हैं। यह सामान्य है और इससे भावनात्मक सुरक्षा मिलती है। 5 साल के बादधीरे-धीरे बच्चे को अलग कमरे या बिस्तर पर सुलाना शुरू करना चाहिए ताकि उसमें आत्मनिर्भरता (independence) और आत्मविश्वास बढ़े।
इस बात का भी रखें ध्यान
माता-पिता अपने बच्चे को लगभग 5 साल तक साथ सुला सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उसे अलग सोने की आदत डालना ज़रूरी है। हर परिवार की स्थिति अलग होती है, कुछ बच्चों को जल्दी अलग सुलाना सही लगता है तो कुछ को देर तक पास रहने की ज़रूरत होती है।