कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल आंखे ही नहीं इन बॉडी पार्ट्स को भी पहुंचा रहा नुकसान
punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2022 - 06:35 PM (IST)
क्या आप भी लंबे समय तक कंप्यूटर, लैपटॉप पर काम करने से सिरदर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द से परेशान हो जाते हैं? आंखें लाल और पानी से भर जाती हैं? अगर हां, तो सतर्क हो जाएं क्योंकि आने वाली बड़ी समस्या का यह एक छोटा सा हिस्सा भर है। एक्सपर्ट की मानें तो कंप्यूटर पर ज्यादा समय तक काम करने से शरीर का पॉश्चर बिगड़ जाता है। उंगलियों को आराम न मिलने से दर्द होता है, आंखों में चुभन महसूस होती है और धुंधला दिखाई देने लगता है।
रिपीटिटिव स्ट्रेन इंजरी
इसे आंखों पर तनाव आना भी कहते हैं। गलत ढंग से काम करने और लगातार कंप्यूटर के की-बोर्ड पर उंगलियां चलाने से आंखों पर तनाव पड़ने की समस्या आ जाती है। दरअसल, यह होता है लगातार कंप्यूटर स्क्रीन से नजरें न हटाने की वजह से और गलत तरीके से बार-बार एक ही दिशा में देखने से। इससे आंखों पर स्ट्रेन बढ़ जाता है। जिससे आंखों में जलन, चुभन महसूस होना, आंखें सूखी लगना, खुजली होना और उनमें भारीपन, पास की चीजें देखने में समस्या होना, रंगों का साफ दिखाई न देना, एक चीज़ का दो दिखाई देना, ये सब गलत ढंग से कंप्यूटर पर काम करने से होने वाली बीमारी के लक्षण हैं।
ड्राई आई सिड्रोम
ज्यादा देर तक कंप्यूटर की स्क्रीन की तरफ देखते रहने से आंखों को नमी खत्म हो जाती है। आंखों की नमी बनाए रखने के लिए पलक झपकना जरुरी है। साथ ही 1 घंटे के बाद कम से कम 5 से 10 मिनट तक आंखें मूंद कर रखें ताकि आंसू की परत फिर से तैयार हो जाए।
जॉइंट्स को नुकसान
एक्सपर्ट के अनुसार ज्यादा देर तक गलत पॉश्चर में बैठ कर काम करने से हड्डी और नर्व से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हमारे लिए बॉडी मोशन, लोशन का काम करती है। फिजिकल ऐक्टिविटी से बॉडी में लिक्विड चीजों का प्रवाह बना रहता है और कार्टिलेज स्वस्थ रहते हैं और हड्डियां मजबूत। गलत पॉश्चर में हर दिन 4 घंटे से अधिक बैठने से जोड़ धीरे-धीरे वीक होते चले जाते हैं और दर्द होना शुरू हो जाता है।
इन बातों का जरुर रखें ध्यान
1.हर आधे घंटे में 10 मिनट के लिए कंप्यूटर से नजरें दूर करना जरुरी है। इससे आंखों को कुछ देर के लिए ही सही आराम मिलेगा।
2.मॉनिटर की चमक कम करने से विज़न सिंड्रोम से परेशान लोगों को राहत मिलती है। कंप्यूटर से बिल्कुल सटकर न बैठें। काम करते वक्त सीधी मुद्रा में बैठें।
3.मॉनिटर, माउस और वह पेपर डाक्युमेंट जिससे आप कॉपी कर रहे हैं यदि सही पोजिशन में रहें तो गर्दन और कंधे के दर्द या अकड़न में कमी आ सकती है।
4. टाइप करते वक्त कंधे और कान के बीच फोन दबा कर बात करने से भी गर्दन और कंधे का दर्द बढ़ता है। कुर्सी इतनी ऊंची हो कि आप पैर को यूं फर्श पर रखें कि आपके घुटने 90 डिग्री के ऐंगल पर हों। ध्यान रहे, टाइपिंग के वक्त आपकी बांहें भी 90 डिग्री की एंगल बनाए।