ओरल कैंसर का मंडराता खतरा, यूपी-बिहार में सबसे ज्यादा मामले

punjabkesari.in Thursday, Dec 20, 2018 - 07:47 PM (IST)

कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है। कैंसर के बहुत सारे प्रकार है जिसमें एक है ओरल कैंसर जो भारत में एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन करना है। शुरुआती अनदेखी के चलते ओरल कैंसर का पता ही नही चल पाता, जिससे इलाज असंभव हो जाता है।  इस स्थिति में कई बार व्यक्ति के जबड़ों को भी निकालना पड़ता है। ट्रीटमेंट ना मिलने के चलते बहुत सारे लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 

यूपी और बिहार में सबसे ज्यादा मामले

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के डेटा के अनुसार, 2017 में भारत के 4 राज्य बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओरल कैंसर के 15.17 लाख मामले सामने आए। यूपी में 12.5 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। 2008 में इसकी वजह से 76 लाख मौतें (सभी मौतों में लगभग 13 फीसदी) हुई थीं। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 में कैंसर की वजह से करीब 1.31 करोड़ मौतें हो सकती हैं।

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कैसे होता है ओरल कैंसर

लंबे समय तक तंबाकू खाने से मुंह में कई प्राॅब्लम्स आनी शुरू हो जाती हैं। ओरल कैविटी में अल्सर बनने लग जाता है और मुंह में कई घाव बन जाते हैं,जिनमें से खून निकलने लगता है और गंभीर दर्द होती है।  

अनुवांशिक भी हो सकता है कैंसर

मैक्स हैल्थकेयर डिपार्टमेंट ऑफ ओंकोलॉजी के प्रिंसिपल के अनुसार, यदि परिवार में किसी सदस्य को ओरल कैंसर होता है तो यह आगे भी किसी को हो सकता है। मरीजों में आनुवांशिकी कारण को नकारा नही जा सकता। लेकिन यह समस्या ज्यादातर तंबाकू का सेवन करने से होती है। उनका कहना है कि 10,000 मरीजों के उपचार में करीब 3900-4000 ओरल कैंसर से ग्रस्त थे और यह इलाज के लिए आने वाले मरीजों का 40 फीसदी है।

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40.43 प्रतिशत मौत का कारण ओरल कैंसर

भारत में 40.43 प्रतिशत मौत के लिए सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन करना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट की माने तो 2008 में यह 634,000 मौतों और करीब 949,000 नए मामलों का कारण बना था। इसके अलावा पुरुषों में सिर, गर्दन कैंसर, ओरल कैविटी, लिप, फैरिंक्स तथा लैरिंक्स कैंसर अधिक पाया जाता है। इस वजह से हर साल देश में 105,000 नए मामले और 78,000 मौतें होती हैं। महिलाओं में भी ओरल कैंसर को मौत का बड़ा कारण बताया।

ओरल कैंसर के संकेत

मुंह तथा जीभ पर लाल और सफेद रंग के दाग-धब्बे।
मुंह का अल्सर और छाले होना।
सूजन रहना
मुंह की सतह में गांठ बनना
निगलने में परेशानी
दांत ढीले पड़ना
मसूढ़ों में दर्द या कड़ापन
गले में दर्द 
गले में हर वक्त कुछ फंसे रहने का अहसास
जीभ में दर्द
आवाज में भारीपन
गर्दन या कान में  दूर न होने वाली दर्द

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मुंह की शेप बिगाड़ सकता है ओरल कैंसर

 समय रहते कैंसर के बारे में ना पता चले तो चौथी स्टेज में आकर मुंह की शेप बिगड़ सकती है। रेडिएशन और कीमोथेरेपी की वजह से कई तरह के साइड इफेक्ट्स होने का खतरा रहता है। इसके लिए रेडियोथेरेपी तथा कीमोथेरेपी दी जाती है ताकि जल्दी इलाज किया जा सके। 
 


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Content Writer

Vandana

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