पेट की बढ़ती चर्बी को न करें इग्नोर, इस खतरनाक बीमारी के हो सकते हैं शिकार
punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2023 - 10:40 AM (IST)
बदलते लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की आदतों के कारण मोटापे से कई लोग जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी समस्या है जो अकेले नहीं आती क्योंकि इसके साथ व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण मोटापा बनता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इन बीमारियों के अलावा भी एक बीमारी का नाम मोटापे के साथ जुड़ गया है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यदि आप 40-50 की उम्र के आस-पास हैं और आपका पेट भी निकल रहा है यानी की पेट पर चर्बी चढ़ रही है तो आगे चलकर यह समस्या आपको अल्जाइमर डिजीज का शिकार बना सकती है।
बढ़ता हुआ पेट बनता है अल्जाइमर का कारण
जर्नल ऑफ एडिज एंड डिजीज में प्रकाशित हुई इस रिसर्च के अनुसार, 40-50 साल की उम्र में बड़ी हुई तोंद अल्जाइमर के रिस्क को बढ़ाती है। अल्जाइमर भूलने की एक बीमारी है जिसमें इंसान को रोजाना की चीजें याद रखने में भी मुश्किल होती है। इसमें व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के कार्य करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अल्जाइमर की बीमारी बुजुर्गों में मुख्य तौर पर देखी जाती है और 60 साल की उम्र के बाद इसके केस ज्यादा आते हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति हमेशा एक भ्रम की स्थित में रहता है। बढ़ती उम्र के साथ इस डिजीज के लक्षणों में भी इजाफा होता रहता है और गंभीर स्थिति में व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम ही भूल जाता है।
रिसर्च में क्या आया सामने
इस रिसर्च के अनुसार, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और पेट पर बढ़ रहे फैट के बीच गहरा संबंध पाया गया है। रिसर्च में कहा गया है कि जैसे-जैसे पेट का आकार बढ़ता है वैसे-वैसे मस्तिष्क में मौजूद मेमोरी सेंटर छोटा होता है यानी की पेट की चर्बी बढ़ने से ब्रेन के फंक्शन पर असर पड़ सकता है। इसी कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं जो बाद में अल्जाइमर बीमारी का कारण बन सकती हैं। ऐसे में यदि आपकी उम्र 40 और 50 के बीच है और पेट पर फैट बढ़ रहा है तो इसे हल्के में न लें और इसको कम करने की कोशिश करें। यदि आपको अल्जाइमर के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें। इस मामले में लापरवाही न करें।
अल्जाइमर के लक्षण
.अपनी बात समझाने के लिए सही शब्द ढूंढने में परेशानी होना
. अपनी चीजों को कहीं रखकर भूल जाना या खो देना
. किसी बात की योजना या विचार बनाने में परेशानी होना
. समस्या सुलझाने में परेशानी होना
. अपने दिनचर्या के कार्य पूरे करने में समय लगना
. परिचित व्यक्ति को पहचानने में भी मुश्किल होना