सुबह उठते ही सुन्न हो जाते हैं हाथ-पैर तो लापरवाही ना बरतें, पहले वजह फिर ये देसी उपचार करें

punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 08:30 PM (IST)

नारी डेस्कः हाथ-पैर सुन्न होना (Numbness) एक आम समस्या है, खासकर सुबह उठते ही। सरल भाषा में कहें तो  सुबह सुन्न होना ज़्यादातर गलत सोने की पोज़िशन और ब्लड सर्कुलेशन की वजह से होता है। लेकिन अगर ये समस्या रोज़ाना और लंबे समय तक बनी रहती है तो विटामिन की कमी या किसी मेडिकल कंडीशन की जाँच ज़रूरी है। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं। 

हाथ-पैर सुन्न होने की वजह

सर्कुलेशन में रुकावटः
जब सोते समय हम किसी एक पोज़िशन में लंबे समय तक रहते हैं तो नसों पर दबाव पड़ जाता है और रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इसी कारण हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं। 

नसों पर दबाव (Nerve Compression)
लंबे समय तक टेढ़ा-मेढ़ा सोने से नस दब सकती है। रीढ़ या गर्दन की नसों पर दबाव होने से भी ये समस्या आती है।

विटामिन और मिनरल्स की कमी
खासकर विटामिन B12, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की कमी से नसों की सेहत प्रभावित होती है, जिससे झनझनाहट और सुन्नपन होता है।

डायबिटीज (मधुमेह)
शुगर के मरीजों में "Neuropathy" नामक समस्या हो जाती है, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट और सुन्नपन रहता है।

ब्लड प्रेशर या हार्ट संबंधी कारण
यदि रक्त संचार सही नहीं है तो हाथ-पैर बार-बार सुन्न हो सकते हैं।

सर्वाइकल या स्पॉन्डिलाइटिस
गर्दन की हड्डी में समस्या होने पर नसों पर दबाव पड़ता है और हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं।
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सुबह उठते ही ज्यादा क्यों होता है?

नींद में शरीर लंबे समय तक एक ही पोजीशन में रहता है।
​​​​​​​उस दौरान नसें और ब्लड वेसल्स दब जाते हैं, जिससे ब्लड फ्लो रुक जाता है और उठते ही हाथ-पैर सुन्न या झनझनाने लगते हैं।
खासकर बगल के नीचे हाथ रखकर सोना या पैर मोड़कर सोने से ये समस्या बढ़ जाती है।

इसे ठीक करने के उपाय

सोने की पोजीशन बदलेंः सीधा या करवट लेकर सोएं, हाथ को तकिए के नीचे दबाकर न रखें।

हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करेंः सुबह उठते ही हाथ-पैर स्ट्रेच करें। वॉकिंग और योगासन (जैसे ताड़ासन, भुजंगासन) करें।

संतुलित आहार लेंःआहार में हरी सब्जियां, दूध, अंडा, फल, और नट्स शामिल करें। अगर विटामिन B12 की कमी है तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें।

हाइड्रेटेड रहेंः पानी की कमी से भी रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, इसलिए पर्याप्त पानी पिएं।

नियमित मसाज करेंः सरसों या नारियल तेल से हाथ-पैरों की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

चिकित्सक से सलाह कब लें?

​​​​​​​अगर रोज़ाना बहुत बार हाथ-पैर सुन्न होते हैं। झनझनाहट के साथ दर्द या कमजोरी भी महसूस होती है। आपको डायबिटीज़, BP या सर्वाइकल जैसी समस्या है।

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हाथ-पैर सुन्न होने का एक कारण एनीमिया भी है। अगर शरीर में खून की कमी है तो भी हाथ पैरों में झुनझुनाहट रहती हैं इसलिए डाइट में आयरन कैल्शियम भरपूर लें। खून बनाने वाले आहार जैसे गाजर सेब, अनार, चकुंदर खाएं। सुखे मेवे में अंजीर, बादाम, अखरोट, किशमिश खाएं।

एंटी इन्फ्लामेट्री गुणों से भरपूर शहद भी ब्लड फ्लो को ठीक करने में मदद करता है। 1 चम्मच दालचीनी पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाएं। इसे खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह होगा। नियमित रूप से हल्दी वाला दूध, दालचीनी की चाय पीने से भी धीरे-धीरे सुन्नपन की समस्या खत्म हो सकती है।

धूम्रपान करने से पेरिफेरल आर्टरी डिसीज होता है जिससे पैरों में सही से ब्लड सर्कुलेशन सही से हो नहीं पाता। नसों में ब्लॉकेज आने लगती हैं। नस ब्लॉकेज होने पर भी हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं इसलिए धूम्रपान से दूर रहें।

लहसुन-अदरक का सेवन अधिक करें इससे नसों की अंदरूनी सफाई होती रहती है। गर्म पानी, ग्रीन टी, तुलसी-दालचीनी का काढ़ा आदि पीएं। इससे भी नसों की सफाई होती रहती हैं और अंदरूनी गर्माहट बनी रहती हैं।

नसों में ब्लॉकेज की समस्या है तो लहसुन वाला दूध पीएं। दूध और लहसुन आपकी शरीर की सारी बंद नसें खूल देंगी। दर्द से राहत मिलेगी और गर्माहट भी। बस एक गिलास दूध में 3 लहसुन की कलियां उबालें और पी लें। 

हाथ-पैर सुन्नपन दूर करने के लिए कुछ आसान योगासन और एक्सरसाइज, रोजाना सुबह या शाम 10-15 मिनट करने से काफी फर्क पड़ेगा।

योगासन

1. ताड़ासन (Palm Tree Pose)

सीधे खड़े होकर हाथ ऊपर उठाएं।
एड़ियों के बल खड़े होकर पूरा शरीर खींचें।
15-20 सेकंड रुकें।

इससे नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

2. भुजंगासन (Cobra Pose)

पेट के बल लेटें और हथेलियों को जमीन पर रखें।
धीरे-धीरे गर्दन और छाती को ऊपर उठाएं।
20 सेकंड रुकें।
इससे रीढ़ और नसों पर दबाव कम होता है।

3. वज्रासन (Thunderbolt Pose)

घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठें।
हाथ घुटनों पर रखें और रीढ़ सीधी रखें।
2-5 मिनट करें।
पाचन सुधरता है और पैरों की नसों में रक्त संचार अच्छा होता है।

4. पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose)

पीठ के बल लेटें और दोनों पैर मोड़कर पेट से लगाएं।
हाथों से पैरों को पकड़ें और हल्का दबाव डालें।
इससे पेट और निचले हिस्से का ब्लड फ्लो सही होता है।

5. शवासन (Corpse Pose)

सीधा लेटकर आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
तनाव कम होगा और नसों को आराम मिलेगा।

ये एक्सरसाइज भी फायदेमंद

हाथ और पैरों की स्ट्रेचिंग– रोज़ 5-10 मिनट हाथ-पैरों को खींचकर स्ट्रेच करें।

एड़ी-पंजा उठाना– खड़े होकर एड़ी ऊपर-नीचे करें, इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

हाथों की रोटेशन– हाथों को गोल-गोल घुमाएं (clockwise और anticlockwise)।

उंगलियों की कसरत– हाथ और पैरों की उंगलियों को बार-बार खोलें और बंद करें।

चलना (Walking)– रोज़ 20-30 मिनट टहलना सबसे फायदेमंद है।

लेकिन इन बातों का रखें ध्यान

योगासन हमेशा आराम से करें, ज़बरदस्ती खिंचाव न डालें। अगर डायबिटीज़, सर्वाइकल या हड्डी की समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही योग करें।

 


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Content Writer

Vandana

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