हल्के बुखार और लगातार रहते सिरदर्द को ना करें इग्नोर क्योंकि यह हो सकता है Nipah वायरस

punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2019 - 11:09 AM (IST)

पिछले साल Nipah Virus की चपेट में आने से केरल में कई लोगों की मौत हो गई थी लेकिन अब फिर एक बार केरल में एक युवक को निपाह होने की बात कही जा रही है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन सावधानी में ही सुरक्षा है क्योंकि इस बीमारी को उपचार नहीं है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे करें निपाह वायरस से खुद का बचाव।

 

निपाह वायरस का मामला सबसे पहले सिंगापुर और मलेशिया में 1998 -1999 में सामने आया था। सिंगापुर में इस वायरस के कारण एक व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके गांव कांपुंग सुंगई निपाह के नाम से ही इस संक्रमण का नाम भी निपाह वायरस रख दिया गया। 2004 में बांग्लादेश में भी इसके मामले सामने आए थे फिर 2018 में केरल में इसका प्रकोप देखने को मिला।

क्या है निपाह वायरस?

निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमित रोग है, जोकि एक जानवर से फलों और फलों से इंसान में फैलता है। इंसानों में निपाह वायरस का इंफेक्शन एंसेफ्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग को नुकसान होता है। यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है।

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चमगादड़ से फैलता है वायरस 

डॉक्टरों की मानें तो यह वायरस बड़ी ही तेजी से फैलता है और ज्यादातर केसेज में जानलेवा साबित होता है। एक खास तरह का चमगादड़ जिसे फ्रूट बैट कहते हैं जो मुख्य रूप से फल या फल के रस का सेवन करता है, वही निपाह वायरस का मुख्य वाहक है। निपाह वायरस से ग्रसित किसी इंसान के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैलता है।

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बीमारी के लक्षण

वायरस के संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत इंसेफेलाइटिक सिंड्रोम से होती है। 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद  बुखार, सिरदर्द, म्यालगिया की अचानक शुरुआत, उल्टी, सूजन, विचलित होना और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों में भी निपाह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा होता है, जिससे मौत भी हो सकती है।

Nipah संक्रमण के लिए नहीं है कोई उपचार

फिलहाल इस वायरस का इलाज खोजा नहीं जा सका है, इसलिए इसकी रोकथाम के लिए बचाव ही एकमात्र उपाय है।

ना पीएं कुएं का पानी

हेल्थ एडवाइजरी के मुताबिक, चमगादड़ के कुतरे हुए फलों का सेवन ना करें क्योंकि यह वायरस चमगादड़ के जरिए ही फैलता है। इसके अलावा कुएं का पानी पीने से भी बचें और सिर्फ फलों का ही सेवन करें।

इंफैक्टिड व्यक्ति से रहें दूर

यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए बेहतर होगा कि आप इंफैक्टिड व्यक्ति से दूर रहें। इसके अलावा वायरस से जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसके शव से भी दूर रहें और अंतिम संस्कार से पहले मृत व्यक्ति को स्नान करते समय सावधानी बरतें।

गर्म पानी में धोएं फल सब्जी

मार्कीट से कोई भी फल लाएं तो उसे अच्छी तरह गर्म पानी से धोएं। साथ ही खजूर व केले खाने से बचे। इसके अलावा ऐसे भोजन का सेवन ना करें, जो किसी भी तरह से जानवर के संपर्क में ना आया हो। खुले में टंगी मटकी वाली ताड़ी का सेवन करने से बचें।

साफ-सफाई का रखें ख्याल

घर का साफ-सफाई का खास ख्याल रखें, खासकर शौचालय की बाल्टी व मग का। इसके अलावा मरीज के लिए यूज किए जाने वाले बर्तनों की साफ-सफाई भी गर्म पानी में करें और उन्हें अलग रखें।

ना करें इन फलों का सेवन

निपाह वायरस से बचने के लिए केला, आम और खजूर खाने से बचें, खासकर जो इंफैक्टिड एरिया से आए हो। इसके अलावा ऐसे इलाकों में जाने से भी बचें, जहां वायरस फैला हो।


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Content Writer

Anjali Rajput

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