घरवालों ने कहा 'फेल हुई तो कर देंगे शादी', निधि ने 6 महीने तक बंद कमरे में की तैयारी और बन गईं IAS
punjabkesari.in Friday, Mar 26, 2021 - 04:45 PM (IST)
समाज आगे बढ़ रहा है, कुछ बदलाव हो रहे हैं लेकिन ,' तुम्हारी जल्द ही शादी कर देंगे' जैसे शब्द अभी भी नहीं बदले हैं। हर एक लड़की पर इन शब्दों की तलवार लटकती ही है। ऐसा नहीं है कि यह प्रेशर सिर्फ गांव में ही है बल्कि शहरों में भी लड़कियों को दिन में 2 से 3 बार तो याद दिलवा ही दिया जाता है कि उसकी शादी करवा देंगे। मानों जैसे घरवालों के लिए यह कोई टास्क हो। इसी प्रेशर के चक्कर में लड़कियों के सारे सपने चूर चूर हो जाते हैं। लेकिन कहते हैं ना कि करने वाले तो भई कुछ भी कर जाते हैं और आज हम आपको जिस लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
निधि सिवाच पर लटकी थी शादी की तलवार
दरअसल हम जिस लड़की की बात कर रहे हैं वह हरियाणा की रहने वाली निधि सिवाच है। जो आज IAS अफसर हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कईं पापड़ बेलने पड़ें। घरवालों के साथ लड़ना पड़ा। शादी का प्रेशर सहना पड़ा, खुद को कमरे में बंद करना पड़ा और फिर जाकर वह IAS अफसर बनीं तो चलिए आज हम आपको इनकी सफलता की कहानी से रूबरू करवाते हैं।
हैदराबाद की एक कंपनी में की जॉब
जैसा की हमने आपको बताया कि निधि ने अपनी शुरूआत पढ़ाई हरियाणा से की है। उन्होंने यहीं से ग्रेजुएशन भी की और फिर इसके बाद हैदराबाद की एक कंपनी में जॉब भी की। यहां उन्होंने तकरीबन 2 साल काम किया लेकिन यहां पर भी उनका मन नहीं लगा। वह कुछ और करना चाहती थीं इसके लिए निधि ने फैसला लिया किया कि वह एएफसीएटी परीक्षा देंगी। इसके लिए निधि ने तैयारी की और परीक्षा पास भी कर ली।
इस तरह आया सिविल सर्विसेस में जाने का ख्याल
इसके बाद निधी ने एसएसबी के लिए इंटरव्यू दिया और इसी एक इंटरव्यू ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल डाला। दरअसल इस दौरान इंटरव्युअर ने निधि से कहा कि वह डिफेंस में जाने की जगह सिविल सर्विसेज में जाएं। इसी एक लाइन ने निधि की जिंदगी एकदम से बदल दी और उन्होंने ठान लिया कि वह अब इसी में आगे जाएंगी। अब एक बार तो इस लाइन में आगे जाने के लिए ठान लिया था तो बस फिर निधि इसके लिए इधर-उधर से जानकारी भी ढूंढने लगीं।
दो बार हुईं असफल
निधि ने इस सफर को पार करने की ठान तो ली थी लेकिन यह इतना आसान नहीं था। उन्हें दो बार असफलता मिली क्योंकि वह इसके साथ-साथ जॉब भी करती थी। काम करने के साथ-साथ उनके पास पढ़ाई के लिए समय नहीं रहता था लेकिन फिर भी वह पढ़ाई करती थी लेकिन रूटीन को मैनेज करने के लिए उन्हें काफी समस्या होती थी। इस एग्जाम के लिए वह वो तैयारी नहीं कर पा रही थी जिसकी जरूरत थी। दो बार असफलता मिलने के कारण घर वालों ने भी शादी का प्रेशर डालना शुरू कर दिया।
घर वालों ने दी डाली शादी की धमकी
2 बार असफल होने पर भी निधि ने हार नहीं मानी। उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें कुछ करना और लाइफ में आगे बढ़ना है। इसके लिए उन्होंने पिता से एक बार और मौका मांगा। पिता ने मौका तो दिया लेकिन साथ में यह धमकी भी दी कि अगर वह इस बार फेल होती है तो उसकी शादी तो पक्का करवा देंगे। इतना ही नहीं प्रेशर की हद तो तब हुई जब परिवार ने कहा कि वह जिस भी स्टेज में फेल होंगी वहीं से उनकी शादी कर देंगे। इन सभी बातों से निधि को परेशानी तो हुई लेकिन वो इस एग्जाम को छोड़ना नहीं चाहती थीं। उनके पास यही एक आखिरी मौका था खुद को घर वालों के सामने साबित करने का।
नौकरी छोड़ आ गईं घर
यूपीएससी के एग्जाम क्लियर करने का सपने देखने वाली निधि ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी और घर आ गईं ताकि वह अपनी पढ़ाई पर अच्छे से फोक्स कर सकें। इसके लिए उन्होंने सेल्फ स्टडी की। मानों जैसे उन्होंने बाहरी दुनिया से नाता तोड़ दिया हो। जी हां, निधि ने इस सपने को पूरा करने के लिए खुद को कमरे में 6 महीने के लिए कैद कर लिया।
नहीं ली कोई कोचिंग और बन गईं आईएएस
इस एग्जाम को पास करने के लिए निधि ने किसी भी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली। न ही इसके लिए वह किसी ग्रुप का हिस्सा बनीं। उन्हें खुद पर विश्वास था और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनती की और सेल्फ स्टडी करके ही इस एग्जाम को क्लियर किया और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 83वां रैंक प्राप्त कर वह आईएएस बन गईं।
अब निधि ने खुद को कमरे में बंद रखा तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप भी ऐसा करें। निधि ने ऐसा किया यह उनका तरीका था। इस दौरान उन्होंने खुद पर काम किया और ऑनलाइन खूब तैयारी की और देखा कि वह कहां पर कमजोर पड़ रही हैं। इसके लिए उन्होंने अपने उत्तर भी टॉपर्स के साथ मिलाए।
निधि की इस कहानी से हमें बहुत सीख मिलती है क्योंकि निधि पर न सिर्फ घरवालों का प्रेशर था बल्कि उन्हें इस पर 2 बार असफलता भी मिली लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार खुद पर काम करती गईं। सच में आज निधि सभी के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं।