नीतू कपूर ने बातों बातों में कहा- ये कपूर खानदान के लोगों को बहुत गुरूर था!
punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2022 - 12:16 PM (IST)
सब जानते हैं कि नीतू कपूर ने बतौर चाइल्ट आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था और 21 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया को अलविदा भी कह दिया था। कारण था उनका कपूर खानदान में शादी करना। ऋषि जी से शादी करने के लिए उन्होंने अपना करियर छोड़ दिया लेकिन नीतू सिंह का ग्लैमर कभी खत्म नहीं हुआ।चलिए, कपूर खानदान की इस छोटी बहू के बारे में कुछ ऐसी बातें आपको बताते हैं जो शायद अभी तक आपको पता नहीं होगी।
नीतू का जन्म 08 जुलाई, 1958 को दिल्ली के एक सिख परिवार में पिता दर्शन सिंह और मां राजी सिंह के घर हुआ था और उनका असली नाम हरनीत कौर है लेकिन जब 8 साल की उम्र में उन्होंने पर्दे पर कदम रखा तो उन्हें स्क्रीन नेम बेबी सोनिया के नाम से भी जाना जाने लगा। कुछ लोग उन्हें सोनिया सिंह भी कहने लगे और फिर फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम नीतू सिंह रख लिया और शादी के बाद वह बन गई नीतू कपूर। नीतू अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी और वह बहुत छोटी थी जब उनके पिता का निधन हो गया ऐसे में मां ने उन्हें अकेला पाला-पोसा था। 8 साल की उम्र में ही उन्हें चाइल्ट आर्टिस्ट का रोल मिल गया क्योंकि वह उस समय वह फेमस एक्ट्रेस वैजयंतीमाला के डांस स्कूल की स्टूडेंट् हुआ करती थी। 15 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म रिक्शावाला के लिए डेब्यू किया और उनके ऑपोजिट रणधीर कपूर थे।
उनकी कुछ शुरुआती फिल्में फ्लॉप रही इसी के चलते नीतू ने यादों की बारात फिल्म में डांसर का रोल निभाया। उनकी इस फिल्म का गाना 'लेकर हम दीवाना दिल' काफी फेमस हुआ इसके बाद तो नीतू सिंह के लिए लीड एक्ट्रेस रोल की लाइन लग गई। हालांकि नीतू चाहती थी कि वह आर.के. बैनर्स की फिल्म बॉबी मे टाइटल भूमिका निभाएं लेकिन इसमें डिंपल कपाड़िया ने यह बाजी मार ली। दरअसल, राज कपूर, बॉबी के लिए फ्रेश फेस चाहते थे जबकि उस समय तक नीतू कई फिल्मों में काम कर चुकी थी और इस तरह उनके हाथ से ये मौका निकल गया लेकिन ये मौका उन्हें मिला जब उनकी जोड़ी कपूर खानदान के चिराग ऋषि कपूर के साथ हिट होने लगी।
1975 में उन्होंने पहली बार ऋषि कपूर के साथ फिल्म “खेल खेल में” में काम किया। नीतू सिंह ने ऋषि कपूर के साथ 11 सफल फिल्मों में काम किया। ऋषि के साथ काम करते करते उन्हें प्यार हुआ। खबरों की मानें तो उस समय नीतू की उम्र महज 15-16 साल के बीच थी। नीतू ने 5 साल ऋषि को डेट किया और 22 जनवरी 1980 को शादी कर ली। उस समय नीतू की उम्र 21 साल की थी। कपूर खानदान की परंपरा के अनुसार.. शादी के बाद कपूर खानदान की बहुंएं एक्टिंग नही करती और इस परंपरा को नीतू सिंह ने भी बखूबी निभाया। कहा जाता है कि नीतू ने तो साइन की हुई फिल्मों का भी एडवांस वापिस कर दिया। ऐसा भी कहा जाता है कि 1975 में नीतू कपूर सबसे व्यस्त अदाकारा थी और उस समय लगभग 85 फिल्मों के लिए वह साइन कर चुकी थी जिनमें से अधिकतर फिल्में ऋषि कपूर रणबीर कपूर और शशि कपूर के साथ ही थी लेकिन जैसे ही उनकी शादी हुई उन्होंने करियर को छोड़ लंबा ब्रेक ले लिया और फैमिली में बिजी हो गई।
काफी सालों बाद नीतू कपूर फिर ऋषि कपूर के साथ फिल्म 'दो दूनी चार' में नजर आई थी। वह बेटे रणबीर कपूर के साथ फिल्म बेशर्म में भी काम चुकी हैं। लंबा समय इंडस्ट्री से दूर रहने वाली नीतू अब फिर पर्दे पर नजर आ रही हैं। ऋषि कपूर की निधन के बाद वह कपिल शर्मा के शो पर अपनी बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी के साथ बतौर गैस्ट पहुंची थी। इस एपिसोड में नीतू सिंह ने ऋषि कपूर से जुड़ी कई बातें बताईं। उन्होंने बताया कि वह ऋषि कपूर से 6-6 महीने बात नहीं किया करती थीं। एसिपोड में नीतू ने बातों-बातों में कहा, 'कपूर खानदान के लोगों को बहुत गुरूर होता है कि वो कपूर हैं, लेकिन अंदर से कुछ नहीं। ऋषि कपूर काफी मोटे थे और वो हीरो थे तो उन्हें हीरो लगना चाहिए था। पर वो खाने के इतने शौकीन थे कि वो खाना कभी नहीं छोड़ते थे। इसी कारण मैं उनसे हमेशा कहती थी कि अगर तुम डाइट नहीं करोगे तो मैं बात नहीं करूंगी। ऐसे में 6-6 महीने कई बार हमारी बात नहीं होती थी और फिर थक-हारकर ऋषि जी कहते थे कि चल बता क्या करना है।'
नीतू जी ने कहा कि ऋषि उनकी बात मान तो लिया करते थे लेकिन बाद में फिर वैसे ही हो जाते थे। उनकी डाइट्स ज्यादा दिन नहीं चलती थीं। साथ ही उन्होंने बताया कि ऋषि कपूर वैसे तो खाने-पीने में काफी पैसे खर्च कर देते थे, लेकिन वो असल में काफी कंजूस थे। नीतू ने कहा, 'एक बार न्यूयॉर्क में मैंने ऋषि से कहा कि वो सुबह की चाय के लिए दूध की बोतल खरीद लाएं उस वक्त रात हो चुकी थी, लेकिन ऋषि जी दूर की दुकान पर सिर्फ इसलिए गए क्योंकि वहां पर दूध की बोतल 30 सेंट कम में मिल रही थी।' नीतू कपूर जो कि एक मिडल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती थीं। उन्होंने बचपन से ही मेहनत करनी शुरू कर दी थी तब जाकर उन्हें ये मुकाम मिला।