नैचुरल शुगर से भी बढ़ता है टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क, यूं रखें बचाव

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2019 - 03:28 PM (IST)

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि चीनी और आर्टिफिशल स्वीटनर से बनी चीजें ही डायबीटीज के रिस्क को बढ़ाती हैं। लेकिन अब एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि प्राकृतिक रूप से मीठी ड्रिंक्स जैसे फलों का रस पीने से भी मरीजों में टाइप 2 डायबीटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इस नई स्टडी को डायबीटीज केयर नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

 

टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज में फर्क

टाइप 1 डायबिटीज में पैन्क्रियाज की बीटा कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और इंसुलिन बनना कम या बंद हो जाता है। हालांकि इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। जबकि टाइप-2 डायबिटीज में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होता है, जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

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नैचरल शुगर से भी डायबीटीज का खतरा

इस स्टडी की मानें तो डायट सॉफ्ट ड्रिंक जिसमें आर्टिफिशल शुगर होता है उससे तो टाइप 2 डायबीटीज होने का खतरा रहता ही है लेकिन प्राकृतिक रूप से मीठी चीजें जिनमें नैचरल शुगर पाया जाता है उनका सेवन करने से भी भविष्य में डायबीटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्वर्ड टी एच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की मानें तो चीनी वाले पेय पदार्थों की जगह अगर आप बिना चीनी वाली कॉफी या चाय का सेवन करें तो टाइप 2 डायबीटीज के खतरे को 2 से 10 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। 

3 अलग-अलग स्टडीज के डेटा की जांच की गई

इस स्टडी में पिछले 22 से 26 साल के बीच के डेटा की 3 अलग-अलग स्टडीज के जरिए जांच की गई जिसमें- नर्सेज हेल्थ स्टडी, द नर्सेज हेल्थ स्टडी 2 और द हेल्थ प्रफेशनल्स फॉलोअप स्टडी शामिल है। इसके लिए 1 लाख 92 हजार से भी ज्यादा पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया। इन स्टडीज के जरिए अनुसंधानकर्ताओं ने यह कैल्क्युलेट करने की कोशिश की कि मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने पर समय के साथ शरीर पर कैसा असर होता है और टाइप 2 डायबीटीज का खतरा कितना रहता है। 

नैचरल जूस का सेवन भी कंट्रोल में रहकर करें 

स्टडी के नतीजे यह भी दिखाते हैं कि नैचरल शुगर भी टाइप 2 डायबीटीज के खतरे को कम नहीं करती है। अनुसंधानकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि नैचरल जूस में पोषक तत्वों की मात्रा अच्छी खासी होती है लेकिन उनका सेवन में बेहद कम करना चाहिए वरना डायबीटीज के बढ़ने की आशंका रहती है। 

क्या करें?

-रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम, जिसमें सैर, योग, एरोबिक और कार्डियो ट्रेंनिग शामिल हो।
-दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी, 1 नारियल पानी जरूर पीएं।
-सोडा, जूस या स्क्वैश जैसी ड्रिंक से दूर रहें।
-वजन कंट्रोल में रखें क्योंकि इससे भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है।
-मीठी ड्रिंक्स, फास्ट व जंक फूड्स, मसालेदार भोजन, ऑयली फूड और प्रोसेस्ट फूड से परहेज करें।
-डाइट में हरी सब्जियां, बादाम, फल और अन्य हैल्दी चीजों को शामिल करें।
-शराब व धूम्रपान करने वाले लोगों में डायबिटीज का खतरा ऐसा न करने वालों की तुलना में 20% ज्यादा होता है इसलिए इनसे दूरी बनाएं।
-तनाव के कारण खून में शर्करा की मात्रा का संतुलन गड़बड़ाने लगता है इसलिए ज्यादा स्ट्रेस ना लें।
-विटामिन-के लेने से शरीर में इंसुलिन की प्रक्रिया में मदद मिलती है, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को ठीक रखता है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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