दर्द से हैं परेशान? बिना दवा अपनाएं ये 7 नेचुरल तरीके, मिलेगा दर्द से आराम

punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 11:51 AM (IST)

 नारी डेस्क: लंबे समय तक चलने वाला दर्द यानी क्रॉनिक पेन इंसान की जिंदगी को बेहद थकाने वाला और चुनौतीपूर्ण बना सकता है। यह न केवल शरीर को कमजोर करता है, बल्कि नींद, मूड और रोज़मर्रा की एक्टिविटी पर भी असर डालता है। ज्यादातर लोग ऐसे दर्द से राहत पाने के लिए दवाइयों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन दवाओं का बार-बार इस्तेमाल शरीर पर साइड इफेक्ट भी डाल सकता है। इसीलिए अब विशेषज्ञ प्राकृतिक उपायों (Natural Remedies) की ओर रुख करने की सलाह देते हैं। ये उपाय न सिर्फ दर्द को कम करने में मददगार हैं, बल्कि शरीर की सूजन घटाते हैं और लाइफ क्वालिटी को भी बेहतर बनाते हैं।

डॉक्टर ने बताए 7 असरदार प्राकृतिक नुस्खे

 हल्दी (Turmeric)

हल्दी में पाया जाने वाला कर्क्यूमिन (Curcumin) एक बेहद शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट यौगिक है। यह शरीर की सूजन को कम करता है और जोड़ों के दर्द में काफी हद तक आराम देता है। लगातार सेवन से न केवल आर्थराइटिस बल्कि थकान और मांसपेशियों की जकड़न में भी राहत मिलती है। इसे दूध में मिलाकर पीना या सप्लीमेंट के रूप में लेना दोनों ही तरीके असरदार हैं।

क्या आप भी खाते हैं हल्दी तो पहले जान लें ये बात, Researchers ने किया अलर्ट !

 विटामिन D

हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम से लेकर हड्डियों तक, हर हिस्से में विटामिन D रिसेप्टर्स मौजूद होते हैं। यह दर्द की संवेदनाओं को नियंत्रित करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। रिसर्च के अनुसार विटामिन D की कमी क्रॉनिक पेन को बढ़ा सकती है। धूप में समय बिताना, विटामिन D सप्लीमेंट लेना और डाइट में इसका संतुलन बनाए रखना दर्द को कम करने में मददगार है।

अश्वगंधा (Ashwagandha)

क्रॉनिक पेन सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी प्रभावित करता है। तनाव और चिंता से दर्द और बढ़ जाता है। अश्वगंधा का सेवन नर्वस सिस्टम को शांत करता है, नींद को सुधारता है और शरीर को रिकवरी में मदद करता है। यह हर्ब खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें दर्द की वजह से बार-बार बेचैनी और थकान महसूस होती है।

फिश ऑयल (Fish Oil)

फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शरीर में सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं। रिसर्च के अनुसार यह खासकर आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द वाले मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है। नियमित सेवन से मांसपेशियों की जकड़न भी कम होती है और हृदय को भी फायदा पहुंचता है।

PunjabKesari

मैग्नीशियम (Magnesium)

मैग्नीशियम को "नेचर का रिलैक्सिंग मिनरल" कहा जाता है। यह मांसपेशियों के दर्द, ऐंठन और क्रैम्प्स को कम करता है। साथ ही यह नींद को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्या को भी दूर करता है। मैग्नीशियम सप्लीमेंट या मैग्नीशियम-रिच डाइट (जैसे पालक, बादाम, कद्दू के बीज) क्रॉनिक पेन मैनेजमेंट में कारगर हो सकते हैं।

सीबीडी ऑयल (CBD Oil)

कैनाबिस प्लांट से निकाला गया सीबीडी ऑयल हाल के वर्षों में दर्द प्रबंधन के लिए लोकप्रिय हो रहा है। इसमें दर्द कम करने और सूजन घटाने की क्षमता होती है। शुरुआती रिसर्च के अनुसार यह खासकर आर्थराइटिस और नसों के दर्द (Neuropathic Pain) में फायदेमंद है। हालांकि, इस पर अभी और गहन रिसर्च की जरूरत है और इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से राय लेना जरूरी है।

ग्लूकोसामीन और कॉनड्रोइटिन (Glucosamine/Chondroitin)

ये दोनों यौगिक शरीर के कार्टिलेज में पाए जाते हैं और खासकर आर्थराइटिस के मरीजों के लिए बेहद असरदार साबित होते हैं। यह सप्लीमेंट्स जोड़ों के सेकेंडरी दर्द को कम करने और उनकी गतिशीलता (Mobility) को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

सावधानियां और ज़रूरी बातें

किसी भी सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

शुरुआत हमेशा कम डोज से करें और शरीर की प्रतिक्रिया देखें।

हर व्यक्ति का शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है, इसलिए धैर्य रखें।

इन प्राकृतिक उपायों को दवाइयों के साथ सपोर्ट सिस्टम के रूप में अपनाएं।

क्रॉनिक पेन का इलाज सिर्फ दवाओं पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हल्दी, फिश ऑयल, अश्वगंधा और विटामिन D जैसे नेचुरल सप्लीमेंट्स दर्द को कम करने के साथ-साथ शरीर को भीतर से मजबूत बनाते हैं। अगर इन्हें सही तरीके से अपनाया जाए तो यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static