Gauhar Jaan: पहली करोड़पति सिंगर, नहीं करती थीं एक भी ज्वैलरी रिपीट..कभी वेश्यालय में बीता था बचपन
punjabkesari.in Friday, Sep 15, 2023 - 12:36 PM (IST)
छोटी सी उम्र में माता- पिता का तलाक, 13 साल की उम्र में हुई बलात्कार का शिकार....इतना सब से गुजरी देश की पहली सबसे महंगी गायिका गौहर खान। वो भारत की पहली कोरड़पति गायिका थीं। रिपोर्ट्स की मानें तो वो हर गाने के लिए 3000 रूपये चार्ज करती हैं, जो अगर आज के जमाने की मंहगाई के हिसाब से देखा जाए तो ये लगभग 1 करोड़ बनते हैं....
गौहर जान की महंगी सिंगर
गौहर का जन्म 26 जून 1873 को आजमगढ़ के एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। उनका नाम एंजेलिना योवर्ड था। गौहर के दादा ब्रिटिश थे जबकि दादी हिंदू थीं। उनके पिता का नाम विलियम योवर्ड और मां का नाम विक्टोरिया था। गौहर की मां विक्टोरिया भी एक प्रशिक्षित डांसर और सिंगर थीं। दुर्भाग्य से उनके माता-पिता की शादी चल नहीं पाई और 1879 में, जब एंजलिना सिर्फ 6 साल की थीं उनका तलाक हो गया। इसके बाद विक्टोरिया ने कलकत्ता में रहने वाले मलक जान नाम के शख्स से शादी कर ली और इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। यही से एंजेलिना गौहर जान बन गईं। उनका बचपन काफी गरीबी में बीता, 13 साल की उम्र की उनके साथ कुकर्म हुआ जिसका सदमा उन्हें जिंदगी भर रहा। उन्होंने अपने बचपन का काफी हिस्सा वेश्यालय में बिताया। लेकिन फिर भी वो संगीत की दुनिया में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुईं। इतनी महंगी सिंगर से परफॉर्म करवाने से पहले हर कोई 2 बार सोचता था।
गाना सुनने के लिए ग्रामोफोन कंपनी ने भेजी थी गौहर को निजी ट्रेन
इनका गाना सुनना आम लोगों के लिए सपना था, इसलिए ग्रामफोन कंपनी ने उनके गाने रिकॉर्ड किए और उन्हें आम जनता के लिए उपलब्ध कराया। जब उन्हें गाने के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्हें एक निजी ट्रेन भी दी गई। सिंगर कीमती सोने और चांदी की ज्वैलरी पहनती थीं और कभी भी अपनी ज्वैलरी रिपीट नहीं करती थीं। सिंगर भारत की पहली करोड़पति सिंगर थीं। उन्होंने बंगाली, हिन्दुेस्ताानी, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, पारसी, पश्तो , फ्रेंच और अंग्रेजी समेत 10 से भी ज्याइदा भाषाओं में 600 से भी ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए।
गुमनामी में मौत
गौहर को शोहरत तो खूब मिली पर प्यार के मामले में वो काफी अनलकी थीं। उन्हें प्यार में बहुत बार धोखे मिसे। प्रौढ़ावस्था में गौहर ने अपनी उम्र से आधे एक पठान से शादी की पर वो चली नहीं। मामला कोर्ट तक पहुंच गया और उसके लिए गौहर को अपनी जायदाद भी बेचनी पड़ी। कहा जाता है कि पैसों के मामलों में रानियों को मात देनी वाली गौहर अपने आखिरी दिनों में बहुत अकेली हो गई थीं और गुमनामी की हालत में 17 जनवरी 1930 को उनकी मौत हो गई।