विवाह में आ रही बाधाएं को दूर करती है मां कात्यायनी, जानें भोग, विधि और मंत्र

punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 04:57 PM (IST)

नारी डेस्क : नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की उपासना के लिए समर्पित है। देवी कात्यायनी शेर पर सवार, चार भुजाओं वाली और सिर पर मुकुट धारण किए हुए दिव्य स्वरूप में पूजी जाती हैं। मान्यता है कि मां कात्यायनी की आराधना से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग

देवी के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को शहद और पीला रंग अतिप्रिय है। इसलिए छठे दिन देवी को पीले फल, पीली मिठाई, पीले रंग का सूजी का हलवा, गाय के दूध से बने पेडे़ और शहद से बने व्यंजन का माता रानी को जरूर भोग लगाएं।

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हलवा बनाने की सामग्री

2 बड़े चम्मच गाय का घी

1 कप सूजी

1 कप पानी

2-3 बड़े चम्मच शहद (चीनी की जगह)

काजू, किशमिश, चिरौंजी

3-4 केसर के रेशे

इलायची पाउडर

बनाने की विधि

1. कड़ाही में घी गर्म करके सूजी को सुनहरा होने तक भूनें।

2. दूसरे बर्तन में पानी गरम करें और उसमें काजू, किशमिश, चिरौंजी डालें।

3. पानी उबलने पर उसमें भुनी हुई सूजी और केसर डालें।

4. हलवा गाढ़ा होने पर आंच बंद कर शहद और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।

5. तैयार हलवे का भोग मां को चढ़ाएं।

6. यदि आप पेड़े बनाना चाहते हैं तो गाय के दूध से पेड़े बनाएं और केसर डालकर उन्हें पीला रंग दें।

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मां कात्यायनी पूजा विधि

सुबह स्नान कर साफ व पीले वस्त्र पहनें।

पूजा का संकल्प लेकर मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले फूल और तैयार भोग अर्पित करें।

मां का मंत्र जपें और आरती करें।

मां कात्यायनी पूजा मंत्र

"या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।"

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छठे दिन पूजा का महत्व

मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं। साथ ही व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर और मां को पीले भोग अर्पित कर मनाया जाए तो विशेष फलदायी माना जाता है।


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Content Editor

Monika

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