मैनें सुसाइड का सोच लिया था लेकिन दोस्तों ने बचाई मेरी जान : मनोज बाजपेयी
punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 01:10 PM (IST)
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पूरी इंडस्ट्री में जहां एक तरफ नेपोटिज्म पर बहस जारी है वहीं दूसरी ओर बहुत से स्टार्स अपने उन दिनों को याद कर रहे हैं जब वो इस इंडस्ट्री में नए नए आए थे। हाल ही में लोगों के फेवरेट एक्टर मनोज बाजपेयी ने भी अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया और अपने फैंस को इस सफर के बारे में बहुत सी बातें बताई। जिसे सुन आप भी चौंक जाएंगे। देखा जाए तो ये हिंदी सिनेमा एक ऐसी दुनिया है जो बाहर से तो बहुत खूबसूरत दिखती है लेकिन इस जिंदगी के लिए स्टार्स को बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं और ऐसे बहुत से स्टार्स हैं जो खुद को खत्म करने की सोच लेते हैं। इस कड़ी में एक्टर मनोज बाजपेयी भी हैं जी हां उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया कि शुरूआती दिनों में उन्हें लगा कि वो हार जाएंगे जिसके बाद उन्होंने खुद को खत्म करने की भी सोची लेकिन उनके दोस्तों ने उन्हें ऐसा करने से रोका।
मैं बच्चन का फैन था और उनके जैसा बनना चाहता था
हाल ही में मनोज बाजपेयी ने अपने संघर्ष की कहानी को लोगों के साथ शेयर किया और बताया, ' मैं एक किसान का बेटा हूं। मैं जब 9 साल का था तो मुझे तभी से ये एहसास हो गया कि मैं एक्टिंग के लिए बना हूं। मैं हमेशा से बच्चन का फैन था और उन जैसा बनना चाहता था। मैनें अपनी पढ़ाई तो जारी रखी लेकिन मेरा ध्यान हमेशा किसी और ही तरफ होता जिसके कारण मैं किसी भी चीज पर फोक्स नहीं कर पा रहा था।
मेरा परिवार सोचता था कि मैं किसी काम का नहीं
मनोज ने आगे बताया कि उनके परिवार को हर बार ये लगता था कि वो किसी काम के नहीं हैं। मैं एक आउटसाइडर था और खुद को बस इसमें किसी तरह फिट करने में लगा हुआ था। मेरी तो भोजपुरी भाषा थी जिसके कारण मैनें हिंदी और इंगलिश बोलनी सीखी। एनएसडी के लिए मैनें ट्राई किया और तीनों ही बार मैं रिजेक्ट हुआ जिसके बाद मैं सुसाइड करने का सोच रहा था लेकिन मेरे दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया।
मेरे दोस्तों ने मेरा हमेशा साथ दिया
मनोज बाजपेयी ने आगे बताया कि जबसे मेरे मन में सुसाउड का ख्याल आया तबसे ही मेरे दोस्तों ने मेरा बहुत साथ दिया और वो मेरे बराबर सोने लगे और देखते रहते कि मैं ठीक तो हूं न। वे आगे बताते हैं कि सभी हमेशा ये सोचते थे कि मैं बड़ी स्क्रीन पर दिखने के लायक नहीं क्योंकि मेरा चेहरा हीरो वाला नहीं।
वडापाव भी महंगा लगता था
वे आगे बताते हैं कि उस समय मेरे पास घर का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हुआ करते थे और मेरी मानो तो उस समय वडापाव भी महंगा लगा करता था मगर इसके बावजूद मेरे अंदर हमेशा से सक्सेसफुल होने की एक भूख रहती थी।
एक एपिसोड के 1500 रुपये मिला करते थे
इसके बाद मनोज बाजपेयी को महेश भट्ट के टीवी सीरीज में चार साल बाद ब्रेक मिला। वे एक एपिसोड के 1500 रुपये मिला करते थे। वह मेरी पहली कमाई थी। मेरे काम को पहचाना गया और इसके बाद मुझे बॉलीवुड में मेरी पहली फिल्म मिली, 'सत्या'।'