इस मंदिर में आज भी चलती है भगवान श्रीकृष्ण की सांसे, हाथ में घड़ी पहनते हैं ठाकुर जी
punjabkesari.in Tuesday, Feb 13, 2024 - 06:57 PM (IST)
भगवान श्री कृष्ण ऐसे अवतार हैं जो जीवन के हर रंग को अपने भीतर समाए हुए हैं। बाल गोपाल को लोगों ने अलग-अलग तरीकों से देखा और अनुभव किया है। उन्हें कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी जाना जाता है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक पर 125 साल 6 महीने 6 दिन रहे थे, इसके बाद वह स्वधाम चले गए थे। आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्रीकृष्ण को घड़ी पहनाई जाती है।
हम बात कर रहे हैं घरपुर गुजरात के स्वामी नारायण गोपीनाथ मंदिर की जहां श्री कृष्ण मूर्ति की कलाई पर घड़ी बंधी है जो प्लस रेट से चलती है। यह घड़ी एक अंग्रेज ने बांधी थी जब उसे पता चला कि ठाकुर जी की मूर्ति में प्राण है।जब वह एक अंग्रेज भारत आया तो उसने इस मंदिर के बारे में सुना, वह दोबारा अपने देश लौटा और वहां से एक घड़ी लेकर आया। इस घड़ी की खासियत यह थी कि वह सिर्फ व्यक्ति की पल्स से चलती थी। अगर कोई इंसान जिंदा है तो ही वह घड़ी चलेगी और सही समय बताएगी।
अंग्रेज ने उस घड़ी को श्री कृष्ण की कलाई पर बांध दिया, जिसके बाद वह सही समय दिखाते हुए चल पड़ी। कहा जाता है कि ठाकुर जी का श्रृंगार कराते समय जब घड़ी उतारते हैं तो वह बंद हो जाती है और मूर्ति के हाथ में पहनाते ही घड़ी फिर से चलने लगती है। मान्यता है कि गोपीनाथ जी श्री कृष्ण की मूर्ति स्वयं प्रागट्य प्रतिमा है, यह मूर्ति खुद प्रकट हुई थी इसे किसी शिल्पकार ने बनाया नहीं है। इसलिए इस मंदिर को लेकर लोगों में गहरी आस्था है।
मंदिर के महंत ने बताया कि गोपीनाथ जी के मंदिर में हर दिन 9 झांकियां होती हैं। सुबह 4:30 बजे से मंगला झांकी के साथ ठाकुर जी के पट खुलते हैं। इसके बाद अलग-अलग समय पर धूप, शृंगार, राजभोग और शाम को धूप, ग्वाल, संध्या, उल्वाई और शयन झांकी होती है। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।