बंदरपूंछ ग्लेशियर: इसी चोटी पर भगवान हनुमान ने बुझाई थी अपनी पूंछ की आग
punjabkesari.in Wednesday, Feb 02, 2022 - 01:32 PM (IST)
हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड अपनी खूबसूरती, प्राकृतिक नजारों व इतिहास को लेकर दुनियाभर में मशहूर है। देवभूमि नाम से जाना जाने वाले उत्तराखंड में पहाड़, ग्लेशियर गंगा, यमुना सहित कई खूबसूरत जगह देखने वाली है। शास्त्रों अनुसार, इन चोटियों में देवी-देवताओं के कई रहस्य भी छिपे हुए हैं। ऐसे में आज हम आपको उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित बंदरपूंछ ग्लेशियर के बारे में बतातें हैं...
रामायण से संबंध
बंदरपूंछ ग्लेशियर उत्तराखंड के उच्च हिमालय श्रृंखला के पश्चिमी किनारे पर बसी एक चोटी है। यह ग्लेशिर करीब 12 किमी लंबा और 6316 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इसका संबंध रामायण काल से माना जाता है। मान्यताओं अनुसार लंकापति रावण ने जब हनुमान जी की पूंछ पर आग लगा दी थी तो उन्होंने अपनी पूंछ से पूरी लंका में आग लगा दी थी। इसके बाद भगवान हनुमान ने अपनी पूंछ की आग इसी चोटी पर आकर बुझाई थी। इसी वजह से इस चोटी का नाम बंदरपूंछ पड़ा। इसके साथ ही यमुना नदी का उद्गम स्थम यमुनोत्री हिमनद भी बंदरपूंछ चोटी का ही हिस्सा मानी जाती है।
1950 में पहली बार की गई चढ़ाई
बंदरपूंछ ग्लेशियर गंगोत्री हिमालय की रेंज में पड़ने वाला है। इस ग्लेशियर में तीन चोटियां है। बता दें, यहीं से एवरेस्ट की सीढ़ी शुरू होती है। इस ग्लेशियर पर सबसे पहली चढ़ाई मेजन जनरल हैरोल्ड विलयम्स ने साल 1950 में की थी। इस चोटी पर चढ़ने वाली पहली टीम में महान पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे, सार्जेंट रॉय ग्रीनवुड, शेरपा किन चोक शेरिंग आदि लोग शामिल थे।
बंदरपूंछ ग्लेशियर जाने का सही समझ
बंदरपूंछ ग्लेशियर जाने के लिए मार्च से लेकर अक्तूबर का महीना बेस्ट माना गया है। अगर आप यहां पर ट्रैकिंग का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो आप मई और जून में इस जगह जाने का प्लान करें।
ट्रैकिंग का उठा सकते हैं लुत्फ
आप यहां पर ट्रैकिंग करना का मजा उठा सकते हैं। इस दौरान आप ट्रैकिंग करते हुए बसंत ऋतु के कई फूल देख सकते हैं। इसके साथ ही आप कई जानवरों की दुर्लभ प्रजातियां भी देखना का आनंद मना सकते हैं। बता दें, बंदरपूंछ ग्लेशियर जाने के लिए पहले आपको देहरादून जाना पड़ेगा। वहीं से आप उत्तरकाशी के लिए गाड़ी लेकर इस ग्लेशियर पहुंच सकते हैं।
pc: freepik, pinterest
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Chanakya Niti: श्मशान घाट की तरह होते हैं ऐसे घर, नहीं रहती इनमें खुशियां