देश में निकला होगा चांद की 'पम्मी' बनी स्वर्ण घर की 'स्वर्ण' लेकिन इतने समय से कहां थी
punjabkesari.in Saturday, Mar 12, 2022 - 02:01 PM (IST)

इन दिनों कलर का नया शो 'स्वर्ण घर' काफी चर्चा में बना हुआ है। 'उडारियां 'की सफलता के बाद सरगुन मेहता और रवि दुबे ने अपना ये नया शो कलर्स टीवी पर लॉन्च किया है। 'स्वर्ण घर' में जो चेहरे सामने आए हैं वो जाने-पहचाने है। टीवी पर लंबे समय बाद वापिसी करने वाले रॉनित बोस रॉय के साथ नजर आ रही हैं टीवी की मशहूर एक्ट्रेस संगीता घोष। दोनों पति-पत्नी के रूप में नजर आ रहे हैं।
संगीता घोष जिन्हें लोग पम्मी के नाम से भी जानते हैं। 'देश में निकला होगा चांद' से संगीता ने घर-घर अपनी पहचान बनाई थी लेकिन उसके बाद वह पर्दे से गायब हो गई थी तो चलिए उस समय के दौरान संगीता कहां थी, क्या कर रही थीं और पर्दे से गायब क्यों हो गई थी? इसके बारे में ही कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में जन्मी संगीता का जन्म 18 अगस्त 1976 में हुआ। संगीता घोष ने अपने करियर की शुरूआत 10 साल की उम्र में ही कर दी थी। उन्होंने 1986 में हम हिंदुस्तानी टीवी सीरियल से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरूआत की थी। उन्होंने बहुत सारे टीवी शो में काम किया है। हालांकि सबसे ज्यादा फेम उन्हें देश में निकला होगा चांद ने ही दिलाया इसलिए तो लोग उन्हें पम्मी भी कहते हैं। इसके अलावा उन्होंने रब्बा इश्क ना होवे, मेंहदी तेरे नाम, रिश्तों का चक्रव्यूह, विरासत, दिव्य दृष्टि जैसे एक से बढ़कर एक धारावाहिकों में काम किया है।
उनके सारे धारावाहिक सुपरहिट भी रहे हैं। टीवी की आदर्श बहुओं की कैटेगिरी में रही संगीता ने कुछ नेगेटिव किरदार भी निभाए जो लोगों को खूब पसंद आए। इसके बावजूद वह लगातार इंडस्ट्री से जुड़ी नहीं रही है लेकिन ऐसा क्यों, इसकी वजह उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में बताई थीं। उनसे पूछा गया था कि उनके दो शोज के बीच काफी गैप रहता है, उनकी इतनी ब्रेक पर जाने की वजह क्या है?
इस पर संगीता ने कहा था कि उन्हें ब्रेक लेना अच्छा लगता है क्योंकि वह बैक-टु-बैक काम नहीं कर सकतीं। बैक-टु-बैक काम करने से उन्हें एनर्जी और एक्साइटमेंट नहीं रहती। उन्हें सोना, घूमना, बाहर जाना, नए-नए लोगों से मिलना-जुलना बहुत पसंद है लेकिन जब वह शूटिंग पर होती है तो उन्हें ये सब करने का मौका नहीं मिल पाता था। मैं शोज तभी करती हूं, जब मैं टेलीविजन मिस करती हूं। शूटिंग की कंडीशंस भी बहुत अच्छी नहीं होती हैं। घंटों शूटिंग पर रहना होता है और अगर तबीयत ठीक ना हो तो तब भी आपको शूटिंग करनी ही पड़ती है इसलिए मैं काम के बीच ब्रेक लेना पसंद करती हूं।
आगे वह कहती है कि, तब घर से सेट और सेट से घर, ही लाइफ बन जाती है। फैमिली टाइम, फ्रेंड्स, पर्सनल टाइम, कुछ नहीं मिलता इसलिए जब भी कोई शो खत्म होता है तो मैं ब्रेक लेती हूं और कुछ नया सीखती हूं। जब-जब भी मैंने गैप लिया मैंने कभी डांस सीखा तो कभी कुकिंग सीखी। ब्रेक में घुड़सवारी और जमकर ट्रेवल भी किया और अपने ससुराल वालों और रिश्तेदारों से मिलने गई। हाउसवाइफ की तरह अपनी लाइफ को एंजवॉय भी किया
करीब 7 साल के लंबे गैप के बाद संगीता ने जब कमबैक किया तो उन्होंने यहीं कहा था कि वह लगातार काम कर रही थीं और फैमिली लाइफ को मिस कर रही थी। इन्हीं 7 साल के गैप के बीच उन्होंने शादी भी और कुछ साल मैरिड लाइफ में रूझी रही थीं। उन्होंने कहा, घर पर बैठकर मैं बोर नहीं हो रही थी, बल्कि खुशहाल फैमिली लाइफ का आनंद ले रही थी।
बता दें कि संगीता ने राजस्थान के जाने-माने पोलो प्लेयर राजवी शैलेन्द्र सिंह राठौर से शादी की है। संगीता और शैलेन्द्र की मुलाकात उस दौरान हुई थी जब वो जयपुर में घुड़सवारी सीखने गई थी।
संगीता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, 'मुझे घुड़सवारी सीखने के लिए जयपुर जाना था। और लक ऐसा था कि वो ही मुझे सारी चीजें सीखा रहे थे। घुड़सवारी सिखाते-सिखाते वो मुझसे फ्लर्ट करने लगे। मुझे लगा कि हे भगवान ये लड़का क्या है। मैं जयपुर में 3-4 दिन के लिए ही रुकी थी।'
कुछ दिनों बाद शैलेंद्र भी मुंबई आए और उन्होंने संगीता के पेरेंट्स से उनका हाथ मांगा था। संगीता के पिता की तबीयत सही नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने शैलेंद्र से यह इच्छा जताई थी कि वो पिता के सामने ही शादी करना चाहती हैं। इसके बाद दोनों के शादी की तैयारियां शुरू हुई और करीबी परिवारवालों और दोस्तों की मौजूदगी में दोनों ने सात फेरे लिए थे।
संगीता की नेट वर्थ की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी नेटवर्थ करीब 2 करोड़ रू. है जबकि वह साल में 20 लाख रू. की कमाई करती हैं।
टीवी की आदर्श बहुओं में से एक रही संगीता ने नेगेटिव किरदार से भी एंट्री की लेकिन उन्होंने अपनी छवि क्यों बदली इस पर भी उन्होंने कहा कि वह सालों से चाह रही थी कि वो नेगेटिव रोल करें तो फिर रिश्तों का चक्रव्यूह से उन्हें यह मौका भी मिला। बस इतने साल पॉजिटिव रोल करने के बाद वह कुछ नया करना चाहती थी और यह देखना चाहती थी कि वो नेगेटिव रोल निभा सकती हैं या नहीं? और उन्हें उस किरदार में भी फैंस का प्यार मिला। इस पर उन्होंने कहा था कि हीरोइन अच्छे स्वभाव, अच्छे संस्कार की होगी, बड़ों का आदर करेगी, बेचारी के ऊपर सारे पहाड़ टूट रहे होंगे। इससे हटके कुछ करना चाहती थीं। लोगों को उनका यह रूप भी पसंद आया। एक्टिंग के लिए उन्हें इंडियन टेलीविजन अकेडेमी अवॉर्ड , स्टार परिवार अवॉर्ड जैसे कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।
स्वर्ण घर में संगीता स्वर्ण का किरदार निभा रही है जो अपने बच्चों के लिए मर मिटती है लेकिन बच्चे उनकी कद्र नहीं करते आपको उनका यह किरदार कितना पसंद आ रहा है हमें जरूर बताएं।